Muharram 2024: इस्लामिक कैलेंडर का पहला महीना है मुहर्रम। इस महीने के शुरूआती 10 दिन बहुत खास होते हैं। इन 10 दिनों में हजरत हुसैन की याद में मातम मनाया जाता है।
Kyo Nikalte Hai Tajiye: अंग्रेजी और हिंदू कैलेंडर की तरह ही इस्मालिक कैलेंडर में भी 12 महीने होते हैं। इसे हिजरी कहते हैं। इस कैलेंडर का पहला महीना होता है मुहर्रम। इस महीने के शुरूआती 10 दिनों में मुस्लिम संप्रदाय के लोग मातम मनाते हैं और दसवें दिन ताजिए निकाले जाते हैं। इस परंपरा के पीछे एक दर्दनाक याद छिपी है, जिसके बारे में सिर्फ मुस्लिमजन ही जानते हैं। आगे जानिए इस परंपरा से जुड़ी खास बातें..
शुरू हो चुका है मुहर्रम मास?
इस बार हिजरी कैलेंडर का मुहर्रम मास 7 जुलाई, रविवार से शुरू हो चुका है। इसी दिन से मुस्लिमों का नया साल शुरू होता है। मुहर्रम इस्लाम के 4 सबसे पवित्र महीनों में से एक है। मुहर्रम का शाब्दिक अर्थ है हराम यानी निषिद्ध। ऐसा इसलिए है क्योंकि इस महीने में कई कामों करने पर पाबंदी है जैसे खरीदी, उत्सव आदि। इस महीने में कुरान की तिलावत करने की परंपरा है।
मुहर्रम के 10 दिन क्यों मनाते हैं मातम?
इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार, करीब 1400 साल पहले कर्बला के मैदान में हजरत हुसैन को बादशाह यजीद ने कैद कर लिया था। उनके खाने-पीने की चीजों पर भी पाबंदी लगा थी। इजरत हुसैन और उनके साथ इन 10 दिनों तक खुदा की इबादत करते रहे लेकिन तानाशाह यजीद की बात नहीं मानी। मुर्हरम महीने की 10वी तारीख को यजीद ने इमाम हुसैन का कत्ल कर दिया। उन्हीं की याद में मुहर्रम महीने के शुरूआती 10 दिनों तक मातम मनाया जाता है।
2024 में कब निकाले जाएंगे ताजिए?
मुहर्रम महीने की 10वीं तारीख को मुस्लिम संप्रदाय के लोग मातम मनाकर इमाम हुसैन की शहादत को याद करते हैं। इस दिन ताजिए निकाले जाते हैं जो जुलूस के रूप में होते हैं। इस बार 17 जुलाई, बुधवार को ताजिए निकाले जाएंगे। इस दौरान युवा हैरतअंगेज करतब दिखाते हुए चलते हैं। महिलाएं काले लिबास में होती हैं और छाती पीटकर शोक जताती हैं।
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