
Gadiyaghat Mata Temple, Nalkheda, Madhya Pradesh: हम सभी ने आज तक तेल और घी से दीपक जलते हुए देखा है लेकिन क्या आप इस बात पर यकीन कर सकते हैं कि पानी से भी दीपक जल सकता है। ये बात भले ही आपको हैरान करे लेकिन मध्य प्रदेश के एक मंदिर में कईं सालों से ऐसा हो रहा है। इस मंदिर का रहस्य आज तक वैज्ञानिक भी समझ नहीं पाएं हैं। रोज इस चमत्कार को देखने के लिए हजारों लोग यहां आते हैं। आगे जानिए कहां है ये चमत्कारी मंदिर…
मध्य प्रदेश के आगर-मालवा जिले के नलखेड़ा तहसील से करीब 25 किमी दूर है गाड़िया गांव। ये गांव कालीसिंध नदी के किनारे पर बसा हुआ है। इस गांव में गड़ियाघाट वाली माताजी का मंदिर। ये मंदिर अपने चमत्कार के लिए जाना जाता है क्योंकि यहां घी या तेल से नहीं बल्कि पानी से दीपक जलता है। ये पानी किसी नल का कुए का नहीं बल्कि कालीसिंध नदी का ही होता है। किसी अन्य जल से इस मंदिर में दीपक नहीं जलता।
माता मंदिर के इस चमत्कार को लेकर कईं बातें प्रचलित हैं। उसके अनुसार, करीब 10-12 साल पहले मंदिर के पुजारी सिद्धूसिंह को माता ने सपने आकर कालीसिंध नदी से दीपक जलाने को कहा। अगली सुबह पुजारी ने ऐसा ही किया और नदी के पानी से सचमुच दीपक जलने लगा। जब ये बात ग्रामीणों की पता चली तो पहले तो किसी को यकीन नहीं हुआ लेकिन उन्होंने प्रत्यक्ष पानी से दीपक जलते देखा तो वे इसे माता का चमत्कार मानने लगे। तबसे आज तक इस मंदिर में कालीसिंध नदी के पानी से ही दीपक जलाया जाता है।
पानी से जलने वाला ये दीपक बारिश के मौसम में नहीं जलता क्योंकि इस समय कालीसिंध नदी का जल स्तर बढ़ने से मंदिर पानी में डूब जाता है, जिससे यहां पूजा करना मुमकिन नहीं होता। शारदीय नवरात्रि में मंदिर की साफ-सफाई कर दोबारा ज्योत जलाई जाती है जो अगली बारिश तक जलती रहती है।
Disclaimer
इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो ज्योतिषियों द्वारा बताई गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।