
Nataraj Idol Significance And Story: भगवान शिव के अनेक रूप हैं, नटराज भी इनमें से एक है। भगवान शिव के इस रूप की पूजा वे कलाकार करते हैं जो नृत्य कला से जुड़े हुए हैं। अगर ये कहा जाए कि नटराज नृत्य कलाकारों के गुरु हैं तो गलत नहीं होगा। नटराज की प्रतिमा भी हम सभी ने जरूर देखी होगी लेकिन कम लोगों को पता होगा कि नटराज ने अपने पैरों के नीचे एक बौने राक्षस को दबा रखा है। ये बौना राक्षस कौन हैं और नटराज ने इसे क्यों अपने पैरों में दबा रखा है, इससे जुड़ी कईं मान्यताएं और कथाएं प्रचलित हैं?
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महादेव का नटराज रूप बहुत ही सौम्य दिखाई देता है। इस रूप में शिवजी प्रसन्न मुद्रा में नृत्य करते हुए दिखाई देते हैं। नटराज की चार भुजाएं हैं जो अग्नि के चक्रों से घिरी हुई दिखाई देती हैं। नटराज के दाहिने हाथ में डमरू है, जो ध्वनि का प्रतीक है। वहीं बाएं हाथ में अग्नि धारण की है, जो शक्ति का प्रतीक है। नटराज का तीसरा हाथ अभय मुद्रा में है और चौथा नृत्य मुद्रा में। नटराज का एक पैर हवा में है और दूसरे पैर के नीचे एक बौना राक्षस दिखाई देता है।
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धर्म ग्रंथों के अनुसार नटराज के पैरों के नीचे जो राक्षस है, उसका नाम अपस्मार है। दक्षिण भारत में इसे मुलायका के नाम से जाना जाता है। ऐसी मान्यता है कि अपस्मार के पास कईं अनोखी शक्तियां थीं जिसके कारण वह दूसरों को अपने से हीन समझता था और दूसरों की बुद्धि पर अपना असर डाल सकता है। जिससे अच्छे लोग भी बुरा आचरण करने लगते थे।
जब अपस्मार की शक्तियां बढ़ने लगी तो संसार में अज्ञानता बढ़ने लगी और लोग धर्म पथ से भटक गए। एक दिन जब अपस्मार ने देवी पार्वती को अपने वश में करना चाहा तो महादेव ने नटराज का रूप धारण किया और अपस्मार को अपने पैरों के नीचे दबा दिया लेकिन वध नहीं किया। तभी से नटराज ने उसे उठने का अवसर नहीं दिया। लाइफ मैनेजमेंट की दृष्टि से देखें तो व्यक्ति को कभी भी अपने गुणों पर अहंकार नहीं करना चाहिए, ये स्थिति बहुत ही खतरनाक हो सकती है।
Disclaimer
इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों से ली गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।