Amawasya November 2025: 2 दिन रहेगी अगहन मास की अमावस्या, कब करें पिंडदान-श्राद्ध?

Published : Nov 14, 2025, 03:06 PM IST
Amawasya November 2025

सार

Amawasya November 2025: इस बार अगहन मास की अमावस्या तिथि नवंबर 2025 में रहेगी। ये तिथि 2 दिन होने से लोगों के मन में ये संशय है कि पितरों का तर्पण-पिंडदान किस दिन करें और स्नान-दान कब?

Amawasya November 2025 Date: धर्म ग्रंथों में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व बताया गया है। इस तिथि के स्वामी पितृ देवता हैं, इसलिए इस तिथि पर पितरों की शांति के लिए विशेष उपाय, तर्पण और पिंडदान आदि किए जाते हैं। साल में कुल 12 अमावस्या तिथि होती है। इस बार अगहन मास की अमावस्या तिथि का संयोग नवंबर 2025 में बन रहा है। लेकिन ये तिथि 1 नहीं बल्कि 2 दिन रहेगा, जिससे लोगों के मन में ये संशय है कि पितरों की शांति के लिए तर्पण-पिंडदान कब करें? उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. नलिन शर्मा से जानें अगहन मास की अमावस्या तिथि से जुड़ी खास बातें…

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कब से कब तक रहेगी अगहन अमावस्या?

पंचांग के अनुसार, इस बार अगहन मास की अमावस्या तिथि 19 नवंबर, बुधवार की सुबह 09 बजकर 43 मिनट पर शुरू होगी जो 20 नवंबर, गुरुवार की दोपहर 12 बजकर 17 मिनिट तक रहेगी। इस तरह ये तिथि 1 नहीं 2 दिन रहेगी। इसी वजह से लोगों के मन में संशय की स्थिति बन रही है कि अगहन अमावस्या पर श्राद्ध कब करें और स्नान दान कब?

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कब करें अगहन मास की अमावस्या पर श्राद्ध?

ज्योतिषाचार्य पं. शर्मा के अनुसार, श्राद्ध-पिंडदान आदि पितृ कार्य दोपहर 12 बजे से पहले करने की परंपरा है और ये स्थिति 19 नवंबर, बुधवार को बन रही है। इसलिए अगहन मास की अमावस्या पर श्राद्ध-पिंडदान इसी तारीख को करना श्रेष्ठ रहेगा। विद्वानों का ये भी कहना है कि अगर दो दिन लगातार 12 बजे अमावस्या का संयोग बने तो पहले दिन ही पितृ कार्य कर लेना चाहिए।

कब करें अमावस्या का स्नान-दान?

अमावस्या तिथि पर पवित्र नदी में स्नान करने और जरूरतमंदों को दान करने का भी विशेष महत्व है। ये काम सूर्योदय तिथि में किया जाता है। चूंकि अगहन मास की अमावस्या तिथि का सूर्योदय 20 नवंबर, गुरुवार को होगा, इसलिए यही दिन अगहन अमावस्या के स्नान-दान के लिए उपयुक्त रहेगा। इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने से पापों से मुक्त मिलती है और जरूरतमंदों को दान करने से जीवन में सुख-समृद्धि व शांति बनी रहती है।


Disclaimer
इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों से ली गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

 

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