जगन्नाथ मंदिर में पूरे साल भगवान की पूजा की जाती है। हालांकि आषाढ़ माह में यहां से 3 किलोमीटर की रथयात्रा (Jagannath Rath Yatra) निकाली जाती है। इस रथयात्रा में शामिल होने के लिए देख के कोने-कोने से लोग आते हैं।
Jagannath Rath Yatra 2023: धूमधाम के साथ भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा को निकाला जा रहा है। इस रथयात्रा में शामिल होने के लिए देश ही नहीं दुनिया के अलग-अलग हिस्सों से लोग आए हुए हैं। भगवान जगन्नाथ की 146वीं रथयात्रा इस बार निकाली जा रही है। तीन किलोमीटर की रथयात्रा के जरिए भगवान को गुंडिचा मंदिर लाया जाता है। हालांकि लोगों के मन में यह सवाल कई बार अवश्य रहता है कि आखिर यह रथयात्रा क्यों निकाली जाती है।
हिंदू धर्म की मान्यताओं के मुताबिक भगवान जगन्नाथ अपनी बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र के साथ में आषाढ़ माह की द्वितीय तिथि को मौसी के घर जाते हैं। रथ यात्रा में सबसे आगे बलभद्र का रथ रहता है और उसके पीछे बहन सुभद्रा और उसके पीछे भगवान जगन्नाथ का रथ होता है। यह यात्रा पुरी के जगन्नाथ मंदिर से दिव्य रथों पर निकाली जाती है।