Maha Bharani Shraddha 2025: पितरों की शांति के लिए ये दिन है खास, जानिए तिथि-मुहूर्त ?

Published : Sep 10, 2025, 11:42 AM IST
Pitru Paksha 2025

सार

Maha Bharani Shraddha: महाभरणी श्राद्ध 11 सितंबर को होगा। पितृ पक्ष में भरणी नक्षत्र में किया जाने वाला यह श्राद्ध पितरों की आत्मा की शांति और आशीर्वाद के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन पिंडदान, तर्पण, दान करने से विशेष पुण्य फल प्राप्त होता है।

Significance of Maha Bharani Shraddha 2025: इस साल महाभरणी श्राद्ध 11 सितंबर को है, पितृ पक्ष के दौरान महाभरणी श्राद्ध का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार. जब किसी विशेष तिथि पर दोपहर के समय भरणी नक्षत्र होता है, तो उस दिन महाभरणी श्राद्ध किया जाता है। इस श्राद्ध को करने से पितरों को शांति मिलती है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार भरणी नक्षत्र के स्वामी यम हैं इसलिए इस नक्षत्र में श्राद्ध करना विशेष पुण्यदायी माना जाता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, पितृ पक्ष के दौरान भरणी नक्षत्र बहुत शुभ होता है। भरणी नक्षत्र अक्सर चतुर्थी या पंचमी तिथि को पड़ता है, लेकिन यह तृतीया या षष्ठी को भी पड़ सकता है। इस दिन का महत्व गया में किये जाने वाले श्राद्ध के समान होता है।

महाभरणी श्राद्ध कि तिथि और समय

महाभरणी श्राद्ध 2025 गुरुवार, 11 सितंबर को है, जिसमें कुटुप मुहूर्त सुबह 11:30 बजे से दोपहर 12:19 बजे तक और रौहिं मुहूर्त दोपहर 12:19 बजे से दोपहर 01:09 बजे तक रहेगा। इसी दिन पंचमी तिथि का श्राद्ध और महाभरणी अनुष्ठान किया जाएगा।

श्राद्ध विधि

ज्योतिषाचार्य के अनुसार, ब्राह्मण द्वारा श्राद्ध कर्म करने के लिए, पिंडदान और तर्पण किसी योग्य विद्वान ब्राह्मण द्वारा करवाना चाहिए। इससे पितरों को शांति मिलती है। ब्राह्मणों को भोजन कराने के साथ-साथ, दान और सेवा के रूप में गरीबों या ज़रूरतमंदों की मदद भी करनी चाहिए। ऐसा करने से बहुत पुण्य मिलता है। श्राद्ध में भोजन का एक भाग गाय, कुत्ते और कौवे आदि के लिए अवश्य रखें। उन्हें भोजन कराते समय, पितरों का स्मरण करें और उनसे श्राद्ध स्वीकार करने का अनुरोध करें। आपको बता दें कि यदि संभव हो तो गंगा नदी के तट पर श्राद्ध करना शुभ होता है। यदि यह संभव न हो तो घर पर भी श्राद्ध किया जा सकता है। साथ ही, श्राद्ध के दिन ब्राह्मणों को भोजन कराकर उन्हें दान-दक्षिणा देकर तृप्त करें।

श्राद्ध सामग्री

श्राद्ध पूजन के लिए निम्नलिखित सामग्रियों का उपयोग किया जाता है:

  • रोली
  • सिंदूर
  • सुपारी
  • रक्षा सूत्र
  • चावल
  • जनेऊ
  • कपूर
  • हल्दी
  • देसी घी
  • माचिस
  • शहद
  • काले तिल
  • तुलसी पत्र
  • पान
  • जौ
  • हवन सामग्री
  • गुड़
  • मिट्टी का दीया
  • रुई की बत्ती
  • अगरबत्ती
  • दही
  • गंगाजल
  • सफेद फूल
  • उड़द
  • खीर
  • मूंग
  • गन्ना आदि।

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श्राद्ध के लाभ

महाभरणी श्राद्ध का फल गया में किए गए श्राद्ध के समान माना जाता है। इससे पितरों को शांति मिलती है और वे आशीर्वाद देते हैं। यह श्राद्ध विशेष रूप से पितरों की मुक्ति और उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए किया जाता है।

विशेष ध्यान

श्राद्ध करते समय, अनुष्ठानों का पालन पूरी श्रद्धा और समर्पण के साथ किया जाना चाहिए। ऐसा करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और परिवार पर उनका आशीर्वाद बना रहता है।

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Disclaimer: इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों से ली गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

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