
Pitru Paksha Rules During Periods: हिंदू धर्म में पितृ पक्ष का विशेष महत्व है। जिस प्रकार किसी भी संस्कार के अलग-अलग अर्थ होते हैं, उसी प्रकार पितरों को शांति प्रदान करने के लिए श्राद्ध संस्कार करना भी महत्वपूर्ण माना जाता है। ऐसे में अक्सर घर की महिलाओं द्वारा पितरों के लिए भोजन बनाती हैं, ऐसे में सवाल उठता है कि अगर इस दौरा मासिक धर्म आ जाए यानी पीरियड्स शुरू हो जाए तो क्या करना चाहिए? क्या मासिक धर्म के दौरान भी सभी कर्मकांड करना उचित है? ऐसे ही कई सवालों को जानने के लिए हमने असम के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र बात की, आइए उनसे इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
पितृ पक्ष की पूरी अवधि पितरों को समर्पित मानी जाती है और इस दौरान हमारे पूर्वज धरती पर आकर हमारे माध्यम से जल और भोजन ग्रहण करते हैं। ऐसे में घर में पूरी श्रद्धा का ध्यान रखना चाहिए ताकि पितरों को पूर्ण संतुष्टि मिल सके और वे भोजन ग्रहण कर सकें। पितृ पक्ष हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि से शुरू होकर आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तक चलता है। 15 दिनों की इस अवधि में पितृ हमें आशीर्वाद देते हैं। इस वर्ष पितृ पक्ष 7 सितंबर से शुरू हो रहा है और 21 सितंबर को सर्वपितृ अमावस्या के दिन इसका समापन होगा।
आमतौर पर पुरुष ही अपने पूर्वजों का श्राद्ध संस्कार करते हैं और हिंदुओं में ऐसी मान्यता है कि उनके द्वारा किया गया तर्पण और पिंडदान पूर्वजों को स्वीकार्य होता है। लेकिन बहुएं भी अपने पूर्वजों के श्राद्ध संस्कार में भाग लेती हैं और उन्हें भोग अर्पित करती हैं। ऐसे में अगर आपको पीरियड्स आता है, तो ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, आपको कुछ कर्मकांडों से दूर रहने की सलाह दी जाती है। अगर आपको पितृ पक्ष के दौरान मासिक धर्म आता है, तो आप अपने पूर्वजों से क्षमा प्रार्थना कर सकती हैं और पंडित से तर्पण करवा सकती हैं और उन्हें मिठाई आदि खिला सकती हैं।
अगर आप अपने किसी पूर्वज की तिथि के दिन ही मासिक धर्म के कारण भोजन नहीं बना पा रही हैं और आपके अलावा घर पर कोई नहीं है तो, घबराने की जरूरत नहीं है ज्योतिषाचार्य के अनुसार माना जाता है कि कोई भी बड़ा व्रत या त्योहार हो तो ऐसे में पीरियड्स के दौरान आप सभी पूजा पाठ कर सकती हैं। इस दौरान किए गए कार्य से कोई हानि या दोष नहीं लगता है और आपको श्राद्ध का पूरा फल मिलेगा।
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Disclaimer इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों से ली गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।