Prayagraj MahaKumbh 2025: साल 2025 के पहले महीने यानी जनवरी में उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ लगने जा रहा है। ये कुंभ मेला एक महीने से अधिक समय तक रहेगा। इस दौरान लाखों साधु-संत इस मेले में शामिल होंगे।
Prayagraj MahaKumbh 2025 Facts: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 13 जनवरी 2025 से महाकुंभ मेला लगने जा रहा है। इस महाकुंभ में लाखों साधु-संतों सहित करोड़ों लोग शामिल होंगे और पवित्र गंगा नदी में डुबकी लगाएंगे। प्रयागराज के अलावा 3 और शहरों उज्जैन, हरिद्वार और नासिक में भी एक निश्चित समय पर कुंभ मेला लगता है। कुंभ मेले का आयोजन कब, कहां होगा, ये ग्रहों की विशेष स्थितियों पर निर्भर करता है। जानें 12 साल में कब, कहां लगता है कुंभ मेला…
धर्म ग्रंथों के अनुसार-
मकरे च दिवानाथे वृषभे च बृहस्पतौ।
कुंभयोगो भवेत् तत्र प्रयागेह्यति दुर्लभः।।
माघेवृषगते जीवे मकरे चंद्रभास्करौ।
अमावस्यां तदा योगः कुंभाख्यस्तीर्थनायके।।
अर्थ- सूर्य जब मकर राशि में हो और गुरु वृषभ राशि में तब तीर्थराज प्रयाग में कुंभ मेला लगता है। इस प्रकार माघ का महीना हो, अमास्या की तिथि हो, गुरु वृष राशि पर हो तथा सूर्य-चंद्र मकर राशि पर हो, तब प्रयागराज में अत्यंत दुर्लभ कुंभ योग होता है।
धर्म ग्रंथों के अनुसार-
पद्मिनीनायके मेषे कुंभराशिगते गुरौ।
गंगाद्वारे भवेद्योगः कुंभनामा तदोत्तमम्।।
अर्थ- जब सूर्य मेष राशि में हो और गुरु कुंभ राशि में तब हरिद्वार में कुंभ मेले का आयोजन होता है।
धर्म ग्रंथों के अनुसार-
सिंहराशिगते सूर्ये सिंहराशौ बृहस्पतौ।
गोदावर्या भवेत्कुंभः पुनरावृत्तिवर्जनः।।
अर्थ- जब गुरु और सूर्य दोनों ही सिंह राशि में तब गोदावरी तट (नासिक) में कुंभ पर्व होता है।
धर्म ग्रंथों के अनुसार-
मेषराशि गते सूर्ये, सिंहराश्यां बृहस्पतौ।
उज्जयिन्यां भवेत्कुंभ सर्वसौख्य विवर्धनः।।
अर्थ- जब सूर्य मेष राशि में और गुरु सिंह राशि में हो तो उस समय उज्जयिनी (उज्जैन) में कुंभ पर्व मनाया जाता है। गुरु के सिंह राशि में होने से सिंहस्थ भी कहते हैं।
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