Premanand Maharaj: प्रेमानंद महाराज के प्रवचन सुनने के लिए रोज हजारों लोग उनके आश्रम आते हैं। बाबा अपने प्रवचनों में लाइफ मैनेजमेंट के गहरे सूत्र भी बताते हैं। प्रेमानंद महाराज के इन सूत्रों को जीवन में उतारने से आपकी हर परेशानी दूर हो सकती है।
Premanand Maharaj Life Management: वृंदावन वाले प्रेमानंद महाराज से मिलने रोज हजारों लोग आते हैं। सभी की अपनी-अपनी परेशानी और सवाल होते हैं। इनमें से कुछ परेशानियां लगभग हर व्यक्ति के जीवन में होती है। प्रेमानंद महाराज इन परेशानियों का बहुत ही आसान और सटीक हल बताते हैं। प्रेमानंद महाराज की बातों को ध्यान में रख इन परेशानियों से काफी हद तक छुटकारा पाया जा सकता है। आगे जानें भक्तों के 5 ऐसे ही सवाल और प्रेमानंद महाराज के जवाब…
प्रेमानंद महाराज के अनुसार, ‘जिन घरों में रोज विवाद होता है, वहां लक्ष्मी नहीं ठहरतीं। इस बात का ध्यान सास और बहू दोनों का रखना चाहिए। सास को चाहिए कि वह अपनी बहू के साथ गलत व्यवहार न करें। अगर बहू का स्वभाव खराब हो तो उसे सहन करें और सुधरने का समय दें और बहू की चाहिए कि वह सास-ससुर को ऐसे ही प्यार करे, जैसे अपने माता-पिता को करती है। इस तरह जीवन में खुशहाली और शांति बनी रह सकती है।’
प्रेमानंद महाराज के अनुसार, ‘अगर लड़का-लड़की प्रेम विवाह करना चाहते हैं और घर वाले भी इसके लिए राजी हैं लेकिन जन्म कुंडली नहीं मिल रही भगवान को साक्षी मानकर विवाह कर लें। इससे सभी ग्रह-नक्षत्र अनुकूल हो जाते हैं। भगवान सारे अंमगलों को दूर करने की शक्ति रखते हैं। पति-पत्नी नाम जप करें। इससे इनका दांपत्य जीवन सुखमय बना रहेगा।’
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ब्याज पर पैसा देना सही या गलत?
प्रेमानंद महाराज के अनुसार ‘ब्याज पर पैसा देना बुरी बात नहीं है लेकिन इसके जरिए लोगों को शोषण करना गलत बात है, इसका दण्ड जरूर मिलता है। आप ब्याज का काम करते हैं तो सरकारी नियमों का पालन करें और उसी के अनुसार पैसों का लेन-देन करें, इसमें कोई बुराई नहीं है। अगर कोई व्यक्ति ब्याज देने में असमर्थ है तो उससे सिर्फ मूल रकम ही ले लो।’
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पति में काम वासना बहुत है-क्या करूं?
ये सवाल एक महिला ने प्रेमानंद महाराज से पूछा तो बाबा ने उत्तर दिया ‘पत्नी को हमेशा पति के अनुकूल ही चलना चाहिए। यदि आपकी रूचि काम में नहीं है तो अपने पति को मनाईए। यदि फिर भी पति न माने तो आप उसके अनुकूल हो जाइए। ऐसा न करने से पति गलत रास्ते पर जा सकता है। पति यदि गलत मार्ग पर चला गया तो इसका दोष पत्नी को ही लगेगा।’
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क्या माता-पिता के कर्मों का फल संतान को मिलता है?
प्रेमानंद महाराज के अनुसार ‘माता-पिता के पूर्व जन्मों के फल स्वरूप ही उन्हें संतान मिलती है और संतान के पूर्व जन्म के अनुसार ही उसे माता-पिता का संयोग बैठता है। इसलिए ये कहना गलत होगा कि माता-पिता के कर्मों का फल संतान को भोगना पड़ता है। हर व्यक्ति अपने वर्तमान और पूर्व जन्मों के आधार पर ही सुख-दुख भोगता है।’