BAPS Temple Abu Dhabi: इतना खूबसूरत है आबू धाबी का पहला हिंदू मंदिर, नजर हटाने को दिल नहीं करेगा
BAPS Temple Inauguration In Abu Dhabi: 14 फरवरी, बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त अरब अमीरात के अबू धाबी में भव्य हिंदू मंदिर का उद्घाटन किया। ये मंदिर BAPS यानी बोचासनवासी श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था ने बनवाया है।
Manish Meharele | Published : Feb 14, 2024 12:58 PM IST / Updated: Feb 14 2024, 06:30 PM IST
अबू धाबी में बना पहला हिंदू मंदिर
14 फरवरी 2024 का दिन UAE यानी संयुक्त अरब अमीरात में रहने वाले भारतीयों के लिए काफी खास रहा। इस दिन UAE की राजधानी अबू धाबी में भव्य हिंदू मंदिर का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों हुआ। इस मंदिर का निर्माण BAPS यानी बोचासनवासी श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था ने करवाया है। आगे देखिए इस मंदिर की शानदार तस्वीरें…
किसने देखा था यहां मंदिर बनाने का सपना?
साल 1997 में BAPS के आचार्य प्रमुख स्वामी अबू धाबी आए थे। तब यहां एक छोटे से मकान में मूर्तियां रखकर भगवान की पूजा की जाती थी। तभी स्वामी महाराज के मन में यहां मंदिर बनाने का विचार आया। इस काम का जिम्मा UAE के BAPS प्रमुख ब्रह्म बिहारी स्वामी को सौंपा गया।
क्राउन प्रिंस ने दी जमीन
2012 में मंदिर के लिए जमीन तलाशने की शुरूआत हुई। अलग-अलग स्थानों पर मंदिर बनाने का विचार किया गया। तब राष्ट्रपति और अबू धाबी के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने मंदिर के लिए जमीन दान देने का वादा दिया।
जितनी चाहिए, उससे ज्यादा जमीन दी
2018 में दुबई सरकार ने BAPS को मंदिर के लिए 13.5 एकड़ जमीन दी, साथ ही निर्माण सामग्री आदि रखने के लिए 13.5 एकड़ जमीन अतिरिक्त दी गई। इस तरह ये मंदिर 27 एकड़ जमीन पर बना है।
नागर शैली में बना है ये मंदिर
शुरूआत में इस मंदिर की डिजाइन को लेकर BAPS के लोग काफी पसोपेश में थे, लेकिन बाद में क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने आश्वासन दिया कि आप यहां भारतीय शैली में मंदिर बनवा सकते हैं। इसके बाद इस मंदिर का निर्माण नागर शैली में हुआ।
700 करोड़ की लागत
अबू धाबी के इस मंदिर को बनाने में 700 करोड़ से ज्यादा की लागत आई है। UAE में इस मंदिर को बनाने के पीछे कारण है कि 35 लाख से भी ज्यादा भारतीय रह रहे हैं और इनमें से 20 प्रतिशत लोग अबू धाबी में रहते हैं।
27 एकड़ में बना है मंदिर
ये मंदिर 27 एकड़ जमीन पर बना है। इसकी लंबाई 262 फीट है जबकि चौड़ाई 180 फीट है। इसे बनाने में 50,000 स्कवेयर फीट इटेलियन मार्बल, 18 लाख ईंटें और 18 लाख स्कवेयर फीट इंडियन सैंड स्टोन का इस्तेमाल हुआ है।
जयपुर में बनी हैं प्रतिमाएं
मंदिर परिसर में कुल 30 हजार प्रतिमाएं लगाई गई हैं। जिनका निर्माण जयपुर में हुआ है। इन मूर्तियों को यहां से ले जाकर वहां जोड़े गए हैं। देवी देवता के अलावा यहां पशु-पक्षियों के चित्र भी उकेरे गए हैं।
भारत के साथ अरब संस्कृति की झलक भी
इस मंदिर में भारतीय परंपरा के साथ-साथ अरब संस्कृति की झलक भी दिखाई देगी। इसलिए यहां मंदिर की दीवारों पर ऊंट, रेगिस्तानी बकरी, बाज, फलों में अनानास और खजूर के चित्र भी बनाए गए हैं।