Raksha Bandhan 2023: 15 फीट ऊंची गणेश प्रतिमा के लिए NRI बहनों ने लंदन और हांगकांग से भेजी राखी, जानें कहां ये मंदिर?

Raksha Bandhan 2023: इस बार रक्षाबंधन का पर्व 30 अगस्त, बुधवार को मनाया जाएगा। इस मौके पर मंदिरों में भी भगवान को रक्षा सूत्र अर्पित किया जाएगा। उज्जैन स्थित बड़ा गणेश मंदिर में विदेश से भी राखी आई है।

 

Manish Meharele | Published : Aug 30, 2023 2:13 AM IST

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यहां हर साल आती हैं विदेश से राखियां

30 अगस्त, बुधवार को पूरे देश में रक्षाबंधन (Raksha Bandhan 2023) का पर्व मनाया जाएगा। इस मौके पर मंदिरों में भी भगवान को रक्षा सूत्र अर्पित करने की परंपरा निभाई जाएगी। उज्जैन (Ujjain) स्थित बड़ा गणेश मंदिर (Bada ganesh mandir) में रक्षाबंधन के मौके पर विदेश में रहने वाली महिलाओं ने आकर्षक राखियां भेजी हैं। हर साल देश-विदेश से अनेक महिलाएं भगवान श्रीगणेश के लिए राखी भेजती आ रही हैं। आगे जानिए कहां-कहां से आई है भगवान श्रीगणेश के लिए राखी…

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महिलाएं गणेशजी को मानती हैं अपना भाई

उज्जैन स्थित महाकाल मंदिर के समीप ही बड़ा गणेश मंदिर है। यहां भगवान श्रीगणेश की लगभग 15 फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित है। प्रतिदिन बड़ी संख्या में लोग यहां दर्शन करने आते हैं। पंडित आनंद शंकर व्यास के अनुसार, अनेक महिलाएं भगवान श्रीगणेश को अपना भाई मानती हैं, जिसके चलते हर साल राखी के मौके पर यहां देश ही नहीं बल्कि विदेश से भी महिलाएं राखी भेजती हैं।

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कहां-कहां से आई राखी?

पंडित व्यास के अनुसार, हर साल बड़ा गणेश मंदिर में बहुत ही खास राखियां भगवान के लिए भेजी जाती हैं। इस बार भी भगवान श्रीगणेश के लिए मुम्बई, जयपुर, बैंगलोर, भोपाल, इंदौर, पाटन के अलावा अमेरिका, लन्दन और हांगकांग से भी बहनों ने राखी भेजी है। रक्षाबंधन के मौके पर भगवान श्रीगणेश को सोने की गिन्नी वाली राखी भी विशेष रूप से बांधी जाती है, जो मुम्बई निवासी जकुमारी जैन द्वारा पूर्व में भेजी गई थी। इस बार रक्षाबंधन पर भद्रा का साया रहेगा, इसलिए रात 9 बजे बाद भद्रा खत्म होने के ही ही भगवान श्रीगणेश को राखी बांधी जाएगी।

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महाकाल को बांधी गई सबसे पहली राखी (mahakal mandir Ujjain raksha bandhan 2023)

उज्जैन स्थित महाकालेश्वर मंदिर में परंपरा अनुसार, 30 अगस्त को सबसे पहले रक्षाबंधन का पर्व मनाया गया। इस मौके पर सुबह पुजारी परिवार की महिलाओं द्वारा भगवान महाकाल को रक्षासूत्र अर्पित किया गया। रेशम के धागे, विशेष वस्त्र व अन्य चीजों से मिलाकर 2 फीट की राखी विशेष रूप से बाबा महाकाल के लिए तैयार की गई। इस दौरान भगवान महाकाल को सवा लाख लड्डू का भोग भी लगाया गया।


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Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

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