हिंदू धर्म में विवाह को 16 संस्कारों में से एक माना गया है। सनाधन धर्म में विवाह करना जरूरी माना गया है क्योंकि इसी से संतान उत्पन्न होती है, जिससे हमें पितृ ऋण से मुक्ति मिलती है।
विवाह में नाते-रिश्तेदारों और परिचितों को बुलाने के लिए आमंत्रण पत्र यानी पत्रिका छपवाई जाती है, जिसमें विवाह के दौरान की जाने वाली परंपराओं की पूरी डिटेल होती है।
विवाह पत्रिका को इन्वीटेशन कार्ड भी कहते हैं। इन कार्ड्स में वर यानी दूल्हे के नाम के आगे चि. और वधू यानी दुल्हन के नाम के आगे सौ. लिखा होता है। कम लोग इसका अर्थ जानते हैं।
विवाह पत्रिका में दूल्हे के नाम के आगे चि. लिखा होता है, जिसका अर्थ है चिरंजीवी यानी लंबी उम्र वाला। इसके पीछे का अर्थ है कि दूल्हे की आयु लंबी हो और उसे शुभ फल मिलें।
विवाह पत्रिका में दुल्हन के नाम के आगे सौ. लिखते हैं, जिसका अर्थ है- सौभाग्यवती या सौभाग्यकांक्षी। सौभाग्यवती यानी शुभ गुणों वाली कन्या जो अपने परिवार का कल्याण करती है।