सार

Kya hai Bhadra: इस बार 30 अगस्त, बुधवार को रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाएगा। रक्षाबंधन पर हर बार भद्रा का संयोग जरूर बनता है। इस बार भी ऐसा ही हो रहा है, जिसके कारण लोगों के मन में रक्षाबंधन पर्व मनाने को लेकर असमंजस की स्थिति बनी रही है।

 

उज्जैन. 30 अगस्त, बुधवार को रक्षाबंधन (Raksha Bandhan 2023 Date) पर्व मनाया जाएगा। इस दिन भद्रा रात 9 बजे तक रहेगी, इसी के बाद बहनें भाई की कलाई पर राखी बांध सकेंगी। रक्षाबंधन पर हर बार भद्रा का संयोग बनता है। बहुत कम लोगों को पता है कि भद्रा क्या है और इसे अशुभ क्यों मानते हैं। भद्रा से जुड़ी कई बातें धर्म ग्रंथों और ज्योतिष शास्त्रों में बताई गई है। आगे जानिए भद्रा से जुड़ी खास बातें…

क्या है भद्रा, क्यों इसे मानते हैं अशुभ? (Bhadra Kyo hai Ashubh)
धर्म ग्रंथों के अनुसार, भद्रा सूर्यदेव की पुत्री और शनिदेव की बहन है। इसका स्वरूप अत्यंत विकराल है। इसका रंग काला, बाल लंबे और दांत बड़े और तीखे हैं। जैसे ही भद्रा का जन्म हुआ इसने यज्ञों को नष्ट कर दिया और शुभ कार्यों में बाधा डालने लगी। भद्रा को देखकर देवता भी कांपने लगे।

ब्रह्माजी ने किया शांत
भद्रा के कारण संसार की व्यवस्था बिगड़ने लगी तो ब्रह्मा जी ने भद्रा को करणों (तिथि का आधा हिस्सा) में सातवां स्थान दे दिया। ब्रह्माजी जी ने भद्रा से कहा कि ‘जो व्यक्ति तुम्हारे समय में कोई यात्रा या शुभ कार्य आदि करे, तो तुम उसे नष्ट कर सकती है, लेकिन शेष समय तुम शांत रहना होगा।’ भद्रा ने ब्रह्माजी की बात मान ली और समय के एक निश्चित अंश में स्थित हो गई।

रावण का हुआ था सर्वनाश
धर्म ग्रंथों में एक कथा प्रचलित है, उसके अनुसार शूर्पणखा ने अपने आई रावण को भद्रा के दौरान ही राखी बांधी थी, जिसके कारण एक वर्ष के भीतर ही उसका सर्वनाश हो गया। न सिर्फ उसकी मृत्यु हुई बल्कि उसका वंश और वैभव भी पूरी तरह से नष्ट हो गया।

ज्योतिष शास्त्र में भद्रा (Bhadra In Jyotish Shastra)
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पंचांग के 5 मुख्य अंग बताए गए हैं, इनमें से करण भी है। ये एक तिथि के आधा हिस्सा होता है यानी एक तिथि में 2 करण होते हैं। इनकी संख्या 11 बताई गई है। इनमें से विष्टि करण भी है। इसे ही भद्रा भी कहा जाता है। ज्योतिषियों के अनुसार, भद्रा काल में कोई भी शुभ नहीं किया जाता, ऐसा करने से अशुभ फल मिलते हैं।

30 अगस्त को कब तक रहेगी भद्रा? (Bhadra Timing On 30 August 2023)
ज्योतिषियों के अनुसार, 30 अगस्त, बुधवार को भद्रा सुबह 10.58 से शुरू होगी जो रात लगभग 9 बजे तक रहेगी। स्थान के अनुसार, इसके समय में कुछ मिनिटों का अंतर हो सकता है। शास्त्रों के अनुसार, भद्रा में रक्षाबंधन पर्व नहीं मनाना चाहिए, क्योंकि ये एक शुभ कार्य है और भद्रा में शुभ कार्य करने की मनाही है।


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Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।