बहनों को रक्षाबंधन का बेसब्री से इंतजार रहता है। इस बार ये पर्व 30 अगस्त को है। इस मौके पर बहनें खास थाली तैयार करती हैं। आगे जानिए रक्षाबंधन की इस थाली में क्या-क्या होना चाहिए…
राखी बांधने से पहले बहन भाई को कुमकुम से तिलक लगाती हैं। कुमकुम को बहुत ही शुभ माना गया है। बहनों को अपनी राखी की थाली में कुमकुम आवश्यक रूप से रखना चाहिए।
हिंदू धर्म में तिलक के ऊपर चावल लगाने की परंपरा भी है। चावल शुक्र ग्रह से संबंधित जो हमें सुख-समृद्धि देता है। तिलक पर चावल लगाने का अर्थ है कि भाई के जीवन में संपन्नता बनी रहे।
नारियल को श्रीफल भी कहते हैं। श्रीफल का अर्थ है देवी लक्ष्मी का फल। भाई के हाथों में नारियल देने का अर्थ ये होता है कि उस पर देवी लक्ष्मी की कृपा बनी रहे और उसे धन की कमी न हो।
रक्षा सूत्र यानी राखी। रक्षाबंधन की थाली में रक्षासूत्र होना सबसे जरूरी है। इस बात का ध्यान रखें कि राखी शुभ रंगों से युक्त हो। काले, नीले या डार्क रंग की राखी भाई को न बांधें।
रक्षाबंधन की थाली में मिठाई न हो तो वो अधूरी ही होती है। राखी बांधने के बाद भाई का मुंह मीठा कराने से रिश्तों में मधुरता बनी रहती है और अपनेपन का अहसास होता है।
राखी बांधने के बाद बहन द्वारा भाई की आरती उतारी जाती है। इसके लिए एक दीपक भी थाली में जरूर होना चाहिए। ये दीपक अगर शुद्ध घी का हो तो और भी शुभ रहता है।
रक्षाबंधन की थाली में पानी से भरा कलश भी जरूर रखा जाता है। कहते हैं कि जल से भरे कलश में देवी-देवताओं का वास होता है। आरती के समय इस जल का उपयोग भी किया जाता है।