Unique Temple: यहां राक्षस के साथ होती है महादेव की पूजा, दर्शन से दूर होता है राहु दोष

Published : Nov 29, 2025, 03:10 PM IST
Unique Temple

सार

Unique Temple: भारत में अनेक रहस्यमयी और दुर्लभ मंदिर है। ऐसा ही एक मंदिर उत्तराखंड के पैठाणी में भी है। इसे राहु पैठानी मंदिर कहते हैं। यहां दर्शन करने से राहु का अशुभ प्रभाव कम होता है।

Rahu Paithani Temple Uttarakhand: उत्तराखंड को देवभूमि कहा जाता है, इसका कारण है कि यहां अनेक प्राचीन मंदिर हैं। इन्हीं में से एक है राहु पैठाणी मंदिर। ये मंदिर पौड़ी जिले के पैठाणी गांव में स्थित है, जो स्योलीगाड़ नदी ( प्राचीन नाम रथवाहिनी) और नवालिका ( प्राचीन नाम नयार) के संगम पर बसा हुआ है। नाम से ही पता चलता है कि ये नाम राहु से संबंधित है जिसे ज्योतिष शास्त्र में छाया ग्रह माना जाता है। इस मंदिर से जुड़ी अनेक रोचक मान्यताएं हैं जो इसे और भी खास बनाती हैं। आगे जानिए इस मंदिर से जुड़े कुछ रहस्य…

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ये है राहु पैठाणी मंदिर की कथा

प्रचलित कथा के अनुसार, जब देवता और दानवों के बीच अमृत कलश को पाने के लिए युद्ध हो रहा था तब भगवान विष्णु ने मोहिनी अवतार लेकर दोनों पक्षों को समान रूप से अमृत पिलाने की बात कही। देवता और दानव दोनों इसके लिए तैयार हो गए। लेकिन मोहिनी ने छल से सिर्फ देवताओं को अमृत पिलाया। ये बात स्वरभानु नाम के एक दैत्य ने जान ली और देवताओं का रूप लेकर उसने भी अमृत पी लिया। तब भगवान विष्णु ने अपने सुर्दशन चक्र से उसका मस्तक काट दिया। लेकिन अमृत पीने के कारण वह मरा नहीं। उसका सिर राहु कहलाया और धड़ केतु। मान्यता है कि स्वरभानु का सिर जहां गिरा, वहीं राहु पैठाणी मंदिर का निर्माण हुआ है।

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यहां शिव के साथ होती है राहु की पूजा

मान्यता है कि आदि गुरु शंकराचार्य जब इस स्थान से गुजर रहे थे, तभी उन्हें ये स्थान राहु से प्रभावित महसूस हुआ। उन्होंने इसी स्थान पर राहु का मंदिर बनवाया, साथ में शिवलिंग की स्थापना भी की ताकि राहु की निगेटिविटी को कम किया जा सके। तभी से इस मंदिर में महादेव के साथ ही राह की पूजा करने की परंपरा चली आ रही है।

राहु दोष से मुक्ति पाने आते हैं भक्त

कहते हैं कि जिन लोगों की जन्म कुंडली में राहु अशुभ स्थिति में या जिन पर राहु की महादशा का प्रभाव होता है वे लोग यहां आकर राहु की पूजा करते हैं जिससे उनके इस दोष में कमी आती है और जीवन में चल रही परेशानियां भी दूर होने लगती हैं। यहां राहु को मूंग की खिचड़ी का भोग विशेष रूप से लगाया जाता है। भक्त इसे ही प्रसाद के रूप में भी खाते हैं।

कैसे पहुंचें राहु मंदिर पैठाणी ?

- पैठाणी गांव देश के सभी राष्ट्रीय राजमार्गों से जुड़ा है। उत्तराखंड आकर यहां तक आसानी से पहुंचा जा सकता है। पौड़ी से यहां की दूरी लगभग 46 किमी है।
- पैठानी से निकटतम रेलवे स्टेशन कोटद्वार हैं जो देश के प्रमुख रेलमार्ग से जुड़ा हुआ है।
- पैठानी से सबसे निकटतम एयरपोर्ट जौलीग्रांट है जो देहरादून में स्थित है। यहां से भी पैठानी आसानी से पहुंचा जा सकता है।


Disclaimer
इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों से ली गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

 

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