Published : Aug 07, 2025, 10:17 AM ISTUpdated : Aug 07, 2025, 10:20 AM IST
Raksha Bandhan 2025 Date: हर साल श्रावण मास की पूर्णिमा पर रक्षाबंधन पर्व मनाया जाता है। इस बार ये पर्व अगस्त 2025 में मनाया जाएगा। इस पर्व से जुड़ी कईं कथाएं और मान्यताएं प्रचलित हैं। जानें रक्षाबंधन 2025 के शुभ मुहूर्त।
Raksha Bandhan 2025 Shubh Muhurat: रक्षा बंधन हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है। हर साल ये त्योहार सावन मास के अंतिम दिन मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधकर उनकी लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं, वहीं भाई अपनी बहन को जीवन भर रक्षा का वचन देता है। देश के अलग-अलग हिस्सों में इस पर्व से जुड़ी और भी कईं परंपराएं प्रचलित हैं जो इस त्योहार को और भी खास बनाती हैं। जानें इस बार कब है रक्षाबंधन, राखी बांधने के शुभ मुहूर्त आदि डिटेल…
DID YOU KNOW ?
रक्षा बंधन 2025 पर भद्रा का समय क्या है?
इस बार 9 अगस्त, शनिवार को रक्षा बंधन पर भद्रा का अशुभ संयोग नहीं है। इसलिए बहनें बताए गए मुहूर्त में भाई को रक्षा सूत्र बांध सकती हैं।
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कब है रक्षाबंधन 2025?
इस बार सावन मास की पूर्णिमा 2 दिन रहेगी, जिसके चलते रक्षाबंधन पर्व को लेकर लोगों के मन में संशय है कि ये पर्व किस दिन मनाएं? पंचांग के अनुसार सावन पूर्णिमा तिथि 08 अगस्त, शुक्रवार की दोपहर 02 बजकर 12 मिनिट से शुरू होगी जो 09 अगस्त, शनिवार की दोपहर 01 बजकर 24 मिनिट तक रहेगी। चूंकि पूर्णिमा तिथि का सूर्योदय 9 अगस्त, शनिवार को होगा, इसलिए इसी दिन ये पर्व मनाया जाएगा।
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, 9 अगस्त, शनिवार को भाई की कलाई पर राखी बांधने का सबसे श्रेष्ठ मुहूर्त सुबह 05 बजकर 47 मिनिट से शुरू होगा, जो दोपहर 01 बजकर 24 मिनिट तक रहेगा। यानी भाई को रक्षा सूत्र बांधने के लिए आपको पूरे 07 घण्टे 37 मिनट का समय मिलेगा।
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रक्षा बंधन 2025 के शुभ मुहूर्त
अगर किसी वजह से आप ऊपर बताए गए समय में भाई को राखी नहीं बांध पाएं तो इसके बाद का शुभ मुहूर्त दोपहर 03 बजकर 46 मिनिट से शाम 05 बजकर 23 मिनिट तक रहेगा। 9 अगस्त को शेष समय रक्षाबंधन के लिए ठीक नहीं है। इनके अलावा आप अपने स्थानीय ज्योतिष और विद्वानों से भी इस बारे में जान सकते हैं।
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रक्षा बंधन की शुरुआत कैसे हुई थी?
धर्म ग्रंथों में रक्षा बंधन से जुड़ी कईं कथाएं प्रचलित हैं। इनमें से एक कथा ये भी है कि पहला रक्षा सूत्र देवराज इंद्र को उनकी पत्नी शची ने बांधा था। इस रक्षा सूत्र को देवगुरु बृहस्पति ने अपने मंत्रों से सिद्ध किया था। इस रक्षा सूत्र के प्रभाव से ही देवराज इंद्र ने असुरों पर विजय प्राप्त की थी। तभी से रक्षा बंधन का पर्व मनाया जा रहा है। बाद में ये पर्व भाई-बहन के पवित्र प्रेम का प्रतीक बना गया।
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रात में राखी बांध सकते हैं क्या?
विद्वानों के अनुसार रात में रक्षा बंधन करना शुभ नहीं होता लेकिन यदि दिन भर रक्षा बंधन का कोई शुभ मुहूर्त न हो और सिर्फ रात में ही हो तो इस स्थिति में रात में राखी बांध सकते हैं। रक्षा सूत्र हमेशा भाई के दाएं हाथ में बांधना चाहिए क्योंकि दायां हाथ से ही हम सभी शुभ कार्य करते हैं।
Disclaimer इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों से ली गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।