मृत्युसैया पर लेटे हुए रावण के लक्ष्मण को दिए थे 5 अनमोल जीवन-मंत्र

Published : Sep 06, 2024, 02:26 PM IST
मृत्युसैया पर लेटे हुए रावण के लक्ष्मण को दिए थे 5 अनमोल जीवन-मंत्र

सार

मृत्युशैया पर लेटे रावण ने लक्ष्मण को जीवन के पांच महत्वपूर्ण पाठ पढ़ाए, जिसमें शत्रु को कमजोर न आंकना, शक्ति का सही उपयोग, शुभचिंतकों की सलाह मानना, मित्र और शत्रु की पहचान करना और पत्नी के अलावा किसी अन्य स्त्री पर बुरी नजर न डालना शामिल है।

वास्तव में, राम ही लक्ष्मण को रावण से उपदेश लेने की सलाह देते हैं. रावण मृत्युशैया पर होता है, तब श्रीराम, लक्ष्मण से कहते हैं कि नीति, राजनीति और अधिकार के महान विद्वान रावण इस दुनिया से जा रहे हैं. तुम्हें उनके पास जाना चाहिए और कुछ ऐसे जीवन पाठ लेने चाहिए जो शायद ही किसी और को दिए गए हों. उस समय लक्ष्मण, रावण के सिर के पास जाकर खड़े होते हैं. लेकिन रावण कुछ नहीं बोलते. वापस आकर लक्ष्मण, राम से कहते हैं कि रावण ने मुझे कुछ नहीं कहा. फिर लक्ष्मण, राम को सारी बात बताते हैं. यह सुनकर राम कहते हैं कि तुम रावण के सिर के पास नहीं, उनके पैरों के पास जाकर खड़े हो. ज्ञान लेने के समय पैरों के पास खड़े होना चाहिए. यह सुनकर लक्ष्मण, राम के कहे अनुसार रावण के पैरों के पास जाकर खड़े हो जाते हैं.

पंडित रावण ने लक्ष्मण को बताए सफलता के पाठ : 

रावण की पहली सलाह :  लक्ष्मण के पैरों के पास आकर खड़े होने के बाद, रावण उन्हें अमूल्य सलाह देते हैं. किसी भी व्यक्ति को अपने शत्रु को खुद से कमजोर नहीं समझना चाहिए. कई बार, जिसे हम कमजोर समझते हैं, वही हमसे अधिक बलवान होता है.

 

रावण की दूसरी सलाह : किसी भी व्यक्ति को अपनी शक्ति का कभी भी दुरुपयोग नहीं करना चाहिए. शक्ति का इस्तेमाल सिर्फ़ धर्म के लिए करना चाहिए. अहंकार, इंसान को बर्बाद कर देता है.

रावण की तीसरी सलाह :  एक व्यक्ति को हमेशा अपने शुभचिंतकों की बात सुननी चाहिए. कोई भी शुभचिंतक अपने लोगों का बुरा नहीं चाहता. शुभचिंतक हमेशा हमारा भला चाहने के कारण ही हमें सलाह देते हैं.

रावण की चौथी सलाह : लक्ष्मण को ज्ञान देते हुए रावण कहते हैं कि हमें हमेशा अपने शत्रु और मित्र की पहचान करनी चाहिए. कई बार, जिन्हें हम अपना दोस्त समझते हैं, वही हमारे शत्रु होते हैं. और जिन्हें हम अपना शत्रु, अपना नहीं समझते, वही हमारे अपने होते हैं.

 

रावण की पाँचवी सलाह : रावण, लक्ष्मण को आखिरी और सबसे महत्वपूर्ण सलाह देते हैं. हमें कभी भी अपनी पत्नी के अलावा किसी दूसरी स्त्री पर बुरी नजर नहीं डालनी चाहिए. उनके साथ सम्बन्ध नहीं बनाना चाहिए, ऐसा करने से व्यक्ति का सर्वनाश हो जाता है.

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