Poila Baisakh 2023: बंगाली नववर्ष पोइला बैसाख 15 अप्रैल को, जानें क्यों मनाते हैं ये पर्व, क्या है इससे जुड़ी मान्यताएं?

Published : Apr 15, 2023, 08:58 AM IST
poila baisakh 2023

सार

Poila Baisakh 2023: हमारे देश के अलग-अलग राज्यों में नववर्ष को लेकर कई मान्यताएं हैं। कई स्थानों पर सौर कैलेंडर का प्रचलन है तो कहीं चंद्र कैलेंडर का। बंगाल में नया साल सूर्य के मेष राशि में प्रवेश करने पर मनाया जाता है। इसे पोइला बैसाख कहते हैं। 

उज्जैन. बंगाल की कई परंपराएं और मान्यताएं काफी अलग हैं। यहां नववर्ष का आरंभ सूर्य के मेष राशि में प्रवेश करने के बाद से माना जाता है। यहां इसे पोइला बैसाख (Poila Baisakh 2023) कहते हैं। इस बार सूर्य 14 अप्रैल को मेष राशि में आ चुका है। इसलिए पोइला बैशाख 15 अप्रैल को मनाया जाएगा यानी शनिवार से बंगाली नववर्ष (1430) की शुरूआत होगी। आगे जानिए पोइला बैसाख से जुड़ी खास बातें…

पोइला बैसाख की मान्यता (History of Poila Baisakh )
बंगाली कैलेंडर की शुरूआत कब और कैसे हुई, इसको लेकर कई मान्यताएं हैं। कोई कहता है कि मुगल काल के दौरान बंगाली नववर्ष मनाने की परंपरा शुरू हुई तो कईं विद्वान इसे ‘विक्रमी हिन्दू कैलेंडर’ से जोड़कर देखते हैं। एक मान्यता ये भी है कि बंगाल के एक राजा ‘बिक्रमदित्तो’ ने बंगाली नववर्ष की नींव रखी थी।

गणेशजी की होती है पूजा (How to celebrate Poila Baisakh)
पोइला बैशाख बंगाल व इसके आस-पास के राज्यों जैसे त्रिपुरा आदि में बड़ी ही धूम-धाम से मनाया जाता है। बांग्लादेश में भी ये त्योहार मनाने की परंपरा है। इस दिन सबसे पहले भगवान श्रीगणेश की पूजा की जाती है जो कि सभी प्रकार के कष्ट दूर करने वाले देवता हैं। साथ ही देवी लक्ष्मी की भी पूजा इस दिन की जाती है। लोग इस पर्व के दिन पवित्र नदी में स्नान करते हैं और एक-दूसरे को नववर्ष की बधाई देते हैं।

क्या-क्या होता है इस दिन? (Recognition of Poila Baisakh)
पोइला बैसाख पर बच्चे सुबह प्रभात फेरी निकालते हैं। लोग एक-दूसरे से मिलने जाते हैं और बड़े बुजुर्गों का आशीर्वाद लेते हैं। महिलाएं एक-दूसरे के माथे पर सिंदूर लगाती हैं। कई स्थानों पर धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होता है। कुछ खास व्यंजन भी इस दिन बनाए जाते हैं। लोग सुब जल्दी उठकर नए साल का सूर्योदय देखते हैं। बंगलादेश में ये उत्सव सादगीपूर्ण तरीके से मनाया जाता है। हालांकि यहां भी बंगाल को संस्कृति की झलक देखने को मिलती है।


ये भी पढ़ें-

Surya Grahan 2023: वो कौन-से 5 काम हैं जो ग्रहण के बाद सभी को जरूर करना चाहिए?


Vishu Festival 2023: 15 अप्रैल से शुरू होगा मलयाली नववर्ष, इस दिन मनाते हैं विषु उत्सव, क्यों करते हैं भगवान विष्णु की पूजा?


Chandal Yog 2023: कब से शुरू होगा चांडाल योग, कितने दिनों तक रहेगा, किन राशियों पर टूटेगा कहर?


Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें। आर्टिकल पर भरोसा करके अगर आप कुछ उपाय या अन्य कोई कार्य करना चाहते हैं तो इसके लिए आप स्वतः जिम्मेदार होंगे। हम इसके लिए उत्तरदायी नहीं होंगे।

 

PREV

Recommended Stories

Unique Temple: इस त्रिशूल में छिपे हैं अनेक रहस्य, इसके आगे वैज्ञानिक भी फेल, जानें कहां है ये?
Purnima Dates: साल 2026 में 12 नहीं 13 पूर्णिमा, नोट करें डेट्स