रोम में किस रूप में होती है शनिदेव की पूजा, कितने हजार साल पुराना है ये मंदिर?

Published : May 24, 2025, 10:08 AM ISTUpdated : May 24, 2025, 01:39 PM IST
Rome Shani Temple

सार

Unique Temple: रोम में एक प्राचीन मंदिर के अवशेष हैं, कहते हैं कि ये कभी शनि मंदिर हुआ करता था। ये मंदिर चौथी शताब्दी का बताया जाता है। रोम में शनिदेव की पूजा कृषि के देवता के रूप में होती है। 

The ancient Temple of Saturn in Rome: इस बार शनि जयंती का पर्व 27 मई, मंगलवार को मनाया जाएगा। शनि हिंदू धर्म के प्राचीन देवताओं में से एक हैं। इनके बारे में अनेक धर्म ग्रंथों में बताया गया है। आपको ये जानकर आश्चर्य होगा कि रोम में एक प्राचीन मंदिर के अवशेष हैं, जिसके बारे में कहा जाता है कि ये चौथी शताब्दी का शनि मंदिर हैं। रोम में शनिदेव को कृषि के देवता के रूप में पूजा आज भी पूजा जाता है। हर साल यहां दिसंबर में शनिदेव से संबंधित विशाल उत्सव भी मनाया जाता है। आगे जानिए इस मंदिर से जुड़ी रोचक बातें…

कितना पुराना है रोम का शनि मंदिर?

भारत की ही तरह रोम भी पुरानी सभ्यताओं में से है। रोम उत्तर-पश्चिम दिशा में 8 विशाल खंबे यानी पिलर हैं। न्यूमरोलॉजी में 8 को शनि का अंक माना गया है। माना जाता है कि यहां कभी विशाल शनि मंदिर हुआ करता था। ये स्ट्रक्चर चौथी शताब्दी का बताया जाता है। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि मंदिर कितना पुराना था। एनशिएंट हिस्ट्री इनसाइक्लोपीडिया की मानें तो रोम में शनिदेव की पूजा कृषि के देवता के रूप में की जाती है।

रोम में कब मनाते हैं शनि उत्सव?

रोम में हर साल 17 दिसंबर को एक विशाल उत्सव मनाया जाता है, जिसे सैटर्नालिया कहा जाता है। अंग्रेजी में शनि को सैटर्न कहा जाता है, उसी के आधार पर इस उत्सव का ये नाम पड़ा। रोम की कई ऐतिहासिक पुस्तकों में इस उत्सव के बारे में जानकारी मिलती है, उसके अनुसार, नई फसलों के आने पर शनिदेव का आभार जताने के लिए ये उत्सव मनाया जाता है।

कैसा है रोम के शनि मंदिर का स्ट्रक्चर?

रोम में कभी विशाल शनि मंदिर हुआ करता था, इस बात का अंदाजा यहां खड़े 8 स्तंभों से चलता है। इन खंबों के किनारों को मिस्र के ग्रेनाइट से बनाया गया है, वहीं थेशियन संगमरमर से मंदिर के कुछ भाग बनाए गए थे। यहां प्राचीन शैली की नक्काशी देखी जा सकती है। रोम के राजाओं ने समय-समय पर इस मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया, इसके बारे में भी वर्णन मिलता है। इतिहासकारों की मानें तो कभी यहां कई शाही आयोजन भी किए जाते थे।

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इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो ज्योतिषियों द्वारा बताई गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

 

 

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