Unique Temple: 300 साल पहले जमीन से निकली थी शनिदेव की ये प्रतिमा, तेल नहीं दूध चढ़ाकर करते हैं पूजा

Published : May 26, 2025, 10:34 AM IST
Shani MAndir Juni Indore

सार

Shani Jayanti 2025: इंदौर में शनिदेव का एक अनोखा मंदिर है, यहां उनका 16 श्रृंगार किया जाता है और तेल के स्थान पर दूध चढ़ाकर पूजा की जाती है। यहां शनिदेव की आरती शहनाई बजाकर करने की परंपरा भी है। 

Unique Shani Temple in Indore: हमारे देश में शनिदेव के अनेक मंदिर हैं। इन मंदिरों से कोई न कोई विशेष परंपरा जुड़ी हुई है। ऐसा ही एक मंदिर मध्य प्रदेश के इंदौर में भी है। यहां शनिदेव का 16 श्रृंगार किया जाता है और तेल के स्थान पर दूध चढ़ाया जाता है। सुनने में ये बात थोड़ी अजीब लगे लेकिन ये सच है। मान्यता है कि इस स्थान पर स्वयं शनिदेव प्रकट हुए थे। इसलिए यहां दर्शन के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ती है। शनि जयंती (27 मई) के मौके पर जानिए इस मंदिर से जुड़ी रोचक बातें..

कहां है शनिदेव का ये अनोखा मंदिर?

मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में जूनी इंदौर नामक के स्थान पर शनिदेव का ये प्राचीन मंदिर स्थित है। मंदिर के बारे में कहा जाता है कि लगभग 300 साल पहले इस स्थान पर एक ऊंचा टीला था। एक बार यहां एक महात्मा आकर रुके। रात में उन महात्मा को शनिदेव का सपना आया जिसमें उन्होंने कहा ‘मेरी प्रतिमा इस टीले में दबी हुई है, उसे बाहर निकालो।’ महात्मा ने स्थानीय लोगों की मदद से उस स्थान को जब खोदा तो वहां शनिदेव की प्रतिमा निकली। उसी स्थान पर महात्मा ने शनिदेव की मूर्ति स्थापित की और मंदिर का निर्माण करवाया। इसलिए इस मूर्ति को चमत्कारी माना जाता है।

शनिदेव का किया जाता है 16 श्रृंगार

आमतौर पर शनिदेव का श्रृंगार काले वस्त्रों से करने की परंपरा है लेकिन इस मंदिर में रंग-बिरंगी पौशाखों से शनिदेव का श्रृंगार किया जाता है। इस अद्भुत श्रृंगार को देखने के लिए दूर-दूर से लोग यहां आते हैं। मान्यता है कि किसी समय इसी स्थान पर शनिदेव ने शिवलिंग का आकर्षक श्रृंगार किया था। प्रसन्न होकर महादेव ने शनिदेव को वरदान दिया कि इस स्थान पर तुम्हारा भी ऐसा ही दिव्य श्रृंगार भक्त करेंगे।

तेल नहीं दूध और सिंदूर चढ़ाते हैं भक्त

इस शनि मंदिर में शनिदेव को तेल नहीं बल्कि दूध चढ़ाने की परंपरा है। साथ ही यहां भक्तजन शनिदेव को सिंदूर चढ़ाते हैं। ऐसी मान्यता है कि जिन लोगों पर शनि की साढ़ेसाती और ढैया का प्रभाव हो, वे यहां आकर शनिदेव को सिंदूर चढ़ाएं तो उनकी परेशानी दूर हो सकती है। यहां रोज सुबह-शाम शनिदेव की आरती की जाती है, जिसमें शहनाई बजाने की अनोखी परंपरा भी है।


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