Sharad Purnima 2025: शरद पूर्णिमा पर पाना है देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद तो मेन गेट पर जरूर करें ये उपाय

Published : Oct 04, 2025, 02:51 PM ISTUpdated : Oct 04, 2025, 03:38 PM IST
Sharad Purnima Laxmi puja

सार

क्या आप जानते हैं कि शरद पूर्णिमा 2025 को देवी लक्ष्मी पृथ्वी पर अवतरित होती हैं और इस रात चंद्रमा पृथ्वी के सबसे निकट होता है? घर के मुख्य द्वार पर दीपक जलाने से देवी लक्ष्मी की कृपा सीधे आपके घर पहुंचती है। साथ ही, खुले आसमान में खीर रखने की परंपरा

Sharad Purnima 2025: शरद पूर्णिमा का पर्व दो दिन बाद, 6 अक्टूबर को मनाया जाएगा। ऐसा माना जाता है कि इस रात चंद्रमा पृथ्वी के सबसे निकट होता है। शरद पूर्णिमा व्रत का भी बहुत महत्व है। कहा जाता है कि इसी दिन धन की देवी देवी लक्ष्मी का अवतरण हुआ था। ऐसा माना जाता है कि इस दिन व्रत और पूजा करने से घर में सुख, शांति और समृद्धि आती है।

नारद पुराण के अनुसार, देवी लक्ष्मी शरद पूर्णिमा की रात उल्लू पर सवार होकर पृथ्वी का भ्रमण करती हैं। इसलिए इस दिन देवी लक्ष्मी की विशेष पूजा और अर्चना की जाती है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन देवी लक्ष्मी अपने भक्तों को धन, समृद्धि, यश और ऐश्वर्य का आशीर्वाद देती हैं। इसलिए घर के मुख्य द्वार पर दीपक जलाकर देवी का स्वागत करना चाहिए।

शरद पूर्णिमा की रात बहुत खास होती है

शास्त्रों के अनुसार, शरद पूर्णिमा की रात ही भगवान कृष्ण ने वृंदावन में राधा और गोपियों के साथ भव्य महारास रचाया था। कहा जाता है कि इसी दिन भगवान कृष्ण ने गोपियों के साथ नृत्य करने के लिए विभिन्न रूप धारण किए थे। यह दिव्य रास लीला केवल नृत्य ही नहीं, बल्कि प्रेम, भक्ति और आनंद का अनूठा प्रतीक भी है।

देवी लक्ष्मी का अवतरण

शरद पूर्णिमा की रात ही समुद्र मंथन के दौरान देवी लक्ष्मी प्रकट हुई थीं। इसलिए शरद पूर्णिमा को देवी लक्ष्मी की पूजा के लिए एक विशेष दिन माना जाता है। कई जगहों पर, अविवाहित कन्याएं इस दिन सूर्य और चंद्र देव की पूजा करती हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करती हैं।

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खीर खुले आसमान के नीचे क्यों रखी जाती है?

शरद पूर्णिमा पर खीर खुले आसमान के नीचे रखने की परंपरा है। कहा जाता है कि इस रात की चांदनी अमृत लाती है। इस खीर को खाने से अच्छे स्वास्थ्य का वरदान और देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। इसलिए लोग शरद पूर्णिमा की रात को खीर को चांद की छाया में रखते हैं और फिर अगली सुबह उसे खाते हैं।कहा जाता है कि शरद पूर्णिमा की रात को चांदनी में रखी खीर खाने से व्यक्ति को सौभाग्य की प्राप्ति होती है और परिवार को बीमारियों से मुक्ति मिलती है।

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Disclaimer: इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों से ली गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

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