
Sharad Purnima 2025 Par Kab Hoga Chandrma Uday : आश्विन मास की पूर्णिमा पर शरद पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है। मान्यता है कि शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा की किरणों से अमृत बरसता है, इसलिए रात में लोग खुले आसमान के नीचे खीर बनाकर रख देते हैं और अगली सुबह इसे खाते हैं। कहते हैं कि चंद्रमा की किरणों के संपर्क में आने से ये खीर औषधियुक्त हो जाती है। इसलिए सभी को शरद पूर्णिमा का चंद्रोदय होने का इंतजार रहता है। इस दिन चंद्रमाक की पूजा भी विशेष रूप से की जाती है। जानें 6 अक्टूबर, सोमवार को कब होगा चंद्रोदय…
ये भी पढ़ें-
Sharad Purnima Ki Katha: शरद पूर्णिमा पर पढ़ें 2 बहनों की ये रोचक कथा, तभी व्रत व्रत का पूरा फल
पंचांग के अनुसार, 6 अक्टूबर, सोमवार को शरद पूर्णिमा के मौके पर चंद्रोदय शाम 05 बजकर 27 मिनिट पर होगा। मान्यता है कि पूरे साल में सिर्फ शरद पूर्णिमा के मौके पर ही चंद्रमा सभी 16 कलाओं के साथ उदय होता है। इसलिए इसदिन चंद्रमा की पूजा विशेष फलदाई मानी गई है। जो भी व्यक्ति चंद्रदेव की पूजा करता है उसके जीवन में सुख-समृद्धि और खुशहाली बनी रहती है।
ये भी पढ़ें-
Sharad Purnima 2025 Date: कब है शरद पूर्णिमा? जानें पूजा विधि, मंत्र और मुहूर्त
धर्म ग्रंथों में पूर्णिमा व्रत का विशेष महत्व बताया गया है। जिन लोगों की जन्म कुंडली में चंद्रमा अशुभ स्थान पर होता है, उन्हें ये व्रत जरूर करना चाहिए। अनेक महिलाएं पूर्णिमा तिथि का व्रत करती हैं और इस दिन चंद्रमा की पूजा करती हैं। ऐसी मान्यता है कि जो भी महिलाएं पूर्णिमा का व्रत करना चाहती हैं वे शरद पूर्णिमा के दिन से ही इस व्रत की शुरूआत करती हैं। गुजरात में शरद पूर्णिमा को शरद पूनम के नाम से भी जाना जाता है।
शरद पूर्णिमा को रास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि शरद पूर्णिमा की रात को ही भगवान श्रीकृष्ण ने गोपियों के साथ रास रचाया था यानी सभी गोपियों के साथ एक ही साथ दिव्य नृत्य किया था। देश के कईं हिस्सों में शरद पूर्णिमा को कोजागरा पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। कोजागरा व्रत का ही एक और नाम कौमुदी व्रत भी है।
Disclaimer
इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों से ली गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।