Shimla Landslide: सोमवार को शिमला में लैंडस्लाइड के चलते 9 लोगों की मौत हो गई और कईं लोग अभी भी समरहिल के निकट बने शिव मंदिर में फंसे हुए हुएं। सोमवार होने से इस दिन मंदिर में लोगों की संख्या काफी ज्यादा थी।
उज्जैन. शिमला में भारी बारिश के चलते सबकुछ अस्त-व्यस्त है। सोमवार को समरहिल के निकट स्थित प्राचीन शिव मंदिर में लैंडस्लाइड (Shimla Landslide) के चलते 16 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। और भी कई लोग अभी वहां फंसे होने की आशंका जताई जा रही है। पता चला है कि सावन सोमवार होने से मंदिर में भक्तों की संख्या काफी ज्यादा थी और इसी दौरान या हादसा हो गया। पुलिस-प्रशासन लोगों को निकालने में लगा है।
महाभारत काल का ये मंदिर
शिमला में ये प्राचीन शिवमंदिर होशियारपुर से चिंतपूर्णी मार्ग पर स्वां नदी के किनारे स्थित है, इसे शिव बाड़ी (Shiv Bari Temple Shimla) के नाम से जाना जाता है। शिव बाड़ी का अर्थ ही शिवजी का वास है। मान्यता है कि महाभारत काल में इस स्थान पर पांडवों के गुरु द्रोणाचार्य का शासन था। वे यहां रोज शिवजी की पूजा करने आते थे।
ये है इस मंदिर से जुड़ी कथा
मान्यताओं के अनुसार, गुरु द्रोणाचार्य प्रतिदिन इस मंदिर में पूजा करने आते थे। एक बार उनकी पुत्री ने भी उनके साथ यहां आने की जिद की। पुत्री को यहां लाने से पहले द्रोणाचार्य ने उसे ऊं नम: शिवाय का पाठ करने को कहा। इसके बाद गुरु द्रोण अपनी पुत्री को लेकर आए। कुछ दिनों बाद उनकी पुत्री अकेले ही यहां आने लगी। ये देखकर शिवजी भी बाल स्वरूप में उसके साथ खेलने के लिए यहां आने लगे। जब ये बाद गुरु द्रोण को पता चली तो वे ये चमत्कार देखने आए। शिवजी का ये रूप देखकर उन्होंने इसी रूप में उनकी पूजा की।
जब औरंगजेब आया इस मंदिर को तोड़ने
इस मंदिर से जुड़ी एक मान्यता ये भी कि मुगल काल के दौरान जब औरंगजेब इस मंदिर को तोड़ने आया तो जैसे ही उसके सैनिकों ने शिवलिंग पर हाथ लगाया तो वह अपने आप नीचे चली गई और जहरीले कीड़ों ने सेना पर हमला कर दिया। कीड़ों के काटने से सैनिक बेहोश हो गए। बाद में जब औरंगजेब ने भगवान शिव की स्तुति की तो सभी सैनिक धीरे-धीरे होश में आने लगे। आज भी यह शिवलिंग जमीन के अंदर धंसा हुआ है।
ये भी पढ़ें-
हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश ने ढाया कहर, भूस्खलन और बादल फटने से 16 लोगों की मौत, ढह गया शिव मंदिर