
Shrikhand Mahadev Yatra 2025 Details In Hindi: हिमाचल प्रदेश में हर साल जुलाई में श्रीखंड महादेव यात्रा का आयोजन किया जाता है। इस यात्रा के दौरान भक्त 32 किमी की पहाड़ी पर चढ़ते हुए श्रीखंड महादेव तक पहुंचते हैं और दर्शन करते हैं। इसे सबसे रहस्यमयी और कठिन धार्मिक यात्राओं में से एक कहा जाता है क्योंकि ऊंचे पहाड़ों पर जहां ऑक्सीजन की बेहद कमी होती है, संकरे और जानलेवा रास्ते से होते हुए यात्रा करना जान जोखिम में डालने जैसा होता है। इस बार श्रीखंड महादेव यात्रा 10 जुलाई, गुरुवार से शुरू हो चुकी है। यात्रा का पहला जत्था 12 जुलाई को श्रीखंड महादेव पहुचेंगा। ये यात्रा 23 जुलाई तक चलेगी।
श्रीखंड महादेव हिमाचल प्रदेश के कुल्लू का एक प्राचीन तीर्थ है, जो 19,570 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। यहां 70 फीट ऊंची एक विशाल शिला है जो प्राकृतिक रूप से बनी है, इसे ही श्रीखंड महादेव कहा जाता है। इस यात्रा पर कदम-कदम पर कईं खतरे सामने आते हैं, कहीं ऑक्सीजन की कमी होती है तो कहीं दरकते पहाड़ रास्ता रोक देते हैं। इसलिए श्रीखंड महादेव यात्रा के लिए पूर्णत स्वस्थ होने का मेडिकल सर्टिफिकेट होना भी जरूरी है।
पौराणिक कथा के अनुसार, भस्मासुर नाम का एक राक्षस था, उसने इसी स्थान पर तपस्या कर शिवजी से वरदान मांगा था कि वह जिसके सिर पर हाथ रखेगा, वह भस्म हो जाएगा। वरदान मिलते ही वह शिवजी को भस्म करना चाहता था। तब महादेव को इन्हीं गुफाओं में छिपना पड़ा। बाद में भगवान विष्णु ने मोहिनी रूप लेकर भस्मासुर को नृत्य के लिए प्रेरित किया और इस दौरान उसने अपना हाथ सिर पर रखा और वह स्वयं भस्म हो गया। कहते हैं कि पांडवों ने अपने वनवास का कुछ समय यहां बिताया था।
- अगर आप भी श्रीखंड महादेव की यात्रा करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको https://shrikhandyatra.hp.gov.in बेवसाइट पर ऑनलाइन अपना रजिस्ट्रेशन करवाना होगा।
- ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए शिमला स्थित निरमंड के सिंहगड़ पहुंचना होगा। यहां से आपको यात्रा के संबंध में संपूर्ण जानकारी मिलेगी।
- श्रीखंड महादेव यात्रा के लिए आपके पास मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट का होना बहुत जरूरी है। इसके बिना आपको इस यात्रा पर जाने की अनुमति नहीं मिलेगी।
- एसडीएम मनमोहन शर्मा के अनुसार, अब तक श्रीखंड यात्रा के लिए 5 हजार से ज्यादा श्रद्धालु रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं। इसके लए यात्रियों को 250 रुपए पंजीकरण शुल्क देना होता है।
- एक जत्थे में 800 श्रद्धालु ही यात्रा पर भेजे जाते हैं। रास्ते में कईं स्थानों पर प्रशासन द्वारा बेस कैंप बनाए गए हैं। किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए यहां डॉक्टर, पुलिस और रेस्क्यू टीम हर समय तैयार रहेगी।
Disclaimer
इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों से ली गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।