Surya Grahan 2025: 15 दिन बाद लगेगा सूर्य ग्रहण, जानें समय, सूतक काल और राशियों पर असर

Published : Sep 07, 2025, 08:57 PM IST
surya grahan 2025

सार

Surya Grahan 2025: साल 2025 का आखिरी सूर्य ग्रहण 21 सितंबर को सर्वपितृ अमावस्या पर लगेगा। यह ग्रहण रात 11 बजे शुरू होगा और सुबह 3:23 बजे तक रहेगा। सूर्य ग्रहण कन्या राशि और उत्तरा फागुनी नक्षत्र में लगेगा।

Surya Grahan 2025 Date: 7 सितंबर 2025 को भाद्रपद पूर्णिमा की रात को चंद्र ग्रहण लग रहा है। यह ग्रहण लगभग साढ़े तीन घंटे तक रहेगा। अब लोगों के मन में यह सवाल है कि आज लगने वाला ग्रहण चंद्र ग्रहण है या सूर्य ग्रहण। यही वजह है कि इंटरनेट पर सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण दोनों ही ट्रेंड कर रहे हैं। तो इसका जवाब है कि आज 7 सितंबर को चंद्र ग्रहण लग रहा है। यह साल 2025 का आखिरी चंद्र ग्रहण है। लेकिन ठीक 15 दिन बाद सूर्य ग्रहण भी लग रहा है। यह सूर्य ग्रहण 21 सितंबर को लगेगा। 21 सितंबर पितृ पक्ष का आखिरी दिन है और यह सूर्य ग्रहण सर्व पितृ अमावस्या के दिन लगेगा।

पितृ पक्ष की शुरुआत और अंत दोनों ही ग्रहण से होते हैं

वर्ष 2025 का पितृ पक्ष बेहद खास है क्योंकि पितृ पक्ष की शुरुआत भी ग्रहण से हो रही है और अंत भी ग्रहण से ही होगा। ऐसा माना जा रहा कि 122 साल बाद ये संयोग बना है, जब चंद्र ग्रहण से पितृपक्ष शुरू हुआ है।

सूर्य ग्रहण 2025 की तिथि और समय (Surya Grahan kab Lagega)

21 सितंबर को लगने वाला सूर्य ग्रहण साल का आखिरी सूर्य ग्रहण होगा। भारतीय समय के अनुसार, सूर्य ग्रहण 21 सितंबर 2025 को रात 11 बजे शुरू होगा और देर रात 3:23 बजे समाप्त होगा। यानी सूर्य ग्रहण की अवधि लगभग साढ़े 4 घंटे की होगी।

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कन्या राशि में लगेगा सूर्य ग्रहण

यह सूर्य ग्रहण आश्विन कृष्ण पक्ष की अमावस्या को लगेगा। साल का आखिरी सूर्य ग्रहण कन्या राशि और उत्तरा फागुनी नक्षत्र में लग रहा है। सूर्य ग्रहण के समय सूर्य कन्या राशि में होगा और बुध के साथ मिलकर बुधादित्य राजयोग बना रहा होगा। इसलिए, इस सूर्य ग्रहण का राशियों पर सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह का प्रभाव पड़ेगा। लेकिन कन्या राशि और उत्तरा फागुनी नक्षत्र में जन्मे लोगों पर इस सूर्य ग्रहण का विशेष प्रभाव पड़ेगा।

क्या सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई देगा?

नहीं, यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए इसका कोई सूतक काल नहीं होगा। 21 सितंबर का ग्रहण न्यूज़ीलैंड, फ़िजी, अंटार्कटिका और ऑस्ट्रेलिया के दक्षिणी भाग में दिखाई देगा।

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