कहां है वो देवी मंदिर जहां आज भी रखे हैं पाकिस्तानी सेना के 400 से ज्यादा बम?

Published : Apr 26, 2025, 03:07 PM IST
Tanot-Mata-Mandir-Jaisalmer

सार

Tanot Mata Temple: राजस्थान के जैसलमेर में देवी का एक प्रसिद्ध मंदिर हैं। 1965 में भारत-पाकिस्तान युद्ध में इस मंदिर पर पाकिस्तानी आर्मी ने 400 से ज्यादा बम फेंके थे, लेकिन इनमें से एक भी नहीं फटा। लोग इसे माता का चमत्कार मानते हैं। 

Tanot Mata Temple: 22 अप्रैल को पहलगाव में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्ते और ज्यादा खराब हो चुके हैं। दोनों देशों की सेनाएं युद्धाभ्यास में जुट गई हैं। इस समय पूरी दुनिया की नजरें भारत के ऊपर टिकी हुई हैं। विभाजन के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच कई युद्ध अब तक हो चुके हैं। इस मौके पर हम आपको एक ऐसे देवी मंदिर के बारे में बता रहे हैं, जो 1965 में भारत-पाकिस्तान युद्ध का गवाह रहा है। इस मंदिर में आज भी 400 से ज्यादा पाकिस्तानी सेना द्वारा फेंके गए बम सुरक्षित गए हैं। जानें कौ-सा है ये वो मंदिर…

कौन-सा है देवी का ये चमत्कारी मंदिर?

राजस्थान के जैसलमेर में स्थित है तनोट राय माता का मंदिर। यहां से पाकिस्तान बॉर्डर मात्र 20 किलोमीटर दूर है। 1965 में हुए युद्ध में पाकिस्तानी सेना ने इस मंदिर के आस-पास करीब 3000 बम गिराए थे, लेकिन खास बात ये है कि मंदिर की एक ईंट भी इससे प्रभावित नहीं हुई। मंदिर परिसर में आज भी करीब 450 पाकिस्तानी बम रखे हुए हैं जिन्हें यहां आने वाले लोग देख सकते हैं। इतने सारे बमों का न फटना एक चमत्कार ही था। यहां भारत-पाकिस्तान युद्ध की याद में एक विजय स्तंभ का भी निर्माण किया गया है, जो भारतीय सेनिकों की वीरता की याद दिलाता है।

पाकिस्तानी ब्रिगेडियर भी आए थे माता टेकने

जब पाकिस्तानी ब्रिगेडियर शाहनवाज खान को ये पता चला कि उनके द्वारा फेंके गए 400 से ज्यादा बम फटे ही नहीं तो वे भी माता के चमत्कारों के आगे नतमस्तक हो गए और उन्होंने भारत सरकार से यहां दर्शन करने की अनुमति मांगी। अनुमति मिलने पर ब्रिगेडियर खान ने यहां आकर तनोट माता के दर्शन किए और मंदिर में चांदी का छत्र भी चढ़ाया जो आज भी यहां है।

जानें मंदिर का इतिहास

मंदिर परिसर में शिलालेख लगा है जो इस मंदिर का इतिहास बताता है। उसके अनुसार, जैसलमेर निवासी मामडियांजी की पहली संतान के रूप में भगवती श्री आवड़देवी का जन्म हुआ था। ये देवी की साक्षात अवतार थीं। जन्म के बाद ही इन्होंने कईं चमत्कार दिखाए और लोगों का कल्याण किया। इनके शरीर छोड़ने के बाद राजा भाटी तनुरावजी ने यहां देवी मां का मंदिर बनवाया जो तनोट राय माता के नाम से प्रसिद्ध हुआ।

कैसे पहुंचे तनोट माता मंदिर?

- जैसलमेर राजस्थान के प्रमुख रेलवे स्टेशनों में से एक है। यहां देश की रेल लाइन से सीधा जुड़ा हुआ है। यहां आकर आप बस या टैक्सी से सीधे तनोट माता मंदिर जा सकते हैं।
- जैसलमेर तक जाने के लिए सड़क मार्ग भी उस उत्तम माध्यम है। प्रायवेट टैक्सी या बस से आप आसानी से यहां तक आ सकते हैं।
- जैसलपुर में ही हवाई अड्‌डा भी है। देश के किसी भी कोने से आप यहां हवाई मार्ग द्वारा आ सकते हैं।


Disclaimer
इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो ज्योतिषियों द्वारा बताई गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

 

PREV

Recommended Stories

Aaj Ka Panchang 10 दिसंबर 2025: किस दिशा में यात्रा न करें? जानें राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय
Unique Temple: इस मंदिर में आज भी गूंजती है श्रीकृष्ण की बांसुरी की आवाज, रहस्यमयी है ये जगह