
Tulsi Mata Ki Aarti Lyrics In Hindi: हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि पर तुलसी विवाह की परंपरा निभाई जाती है। इस बार तुलसी विवाह 2 नवंबर, रविवार को किया जाएगा। ये हिंदू धर्म की सबसे प्राचीन परंपराओं में से एक है। तुलसी विवाह के दौरान भगवान शालिग्राम की पूजा भी की जाती है। अंत में देवी तुलसी की आरती भी की जाती है। देवी तुलसी की आरती पहले दीपक से और बाद में कपूर से करनी चाहिए। ऐसा करने के बाद ही पूजा का पूरा फल मिलता है।
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जय जय तुलसी माता, मैय्या जय तुलसी माता ।
सब जग की सुख दाता, सबकी वर माता।।
मैय्या जय तुलसी माता।।
सब योगों से ऊपर, सब रोगों से ऊपर।
रज से रक्ष करके, सबकी भव त्राता।
मैय्या जय तुलसी माता।।
बटु पुत्री है श्यामा, सूर बल्ली है ग्राम्या।
विष्णुप्रिय जो नर तुमको सेवे, सो नर तर जाता।
मैय्या जय तुलसी माता।।
हरि के शीश विराजत, त्रिभुवन से हो वंदित।
पतित जनों की तारिणी, तुम हो विख्याता।
मैय्या जय तुलसी माता।।
लेकर जन्म विजन में, आई दिव्य भवन में।
मानव लोक तुम्हीं से, सुख-संपति पाता।
मैय्या जय तुलसी माता।।
हरि को तुम अति प्यारी, श्याम वर्ण सुकुमारी।
प्रेम अजब है उनका, तुमसे कैसा नाता।
हमारी विपद हरो तुम, कृपा करो माता।
मैय्या जय तुलसी माता।।
जय जय तुलसी माता, मैय्या जय तुलसी माता।
सब जग की सुख दाता, सबकी वर माता॥
मैय्या जय तुलसी माता।।
हिंदू धर्म में किसी भी पूजा-पाठ के बाद देवी-देवता की आरती उतारने की परंपरा है। ऐसा ईश्वर की कृपा पाने के लिए किया जाता है। ऐसा कहते हैं पूजा का पूरा फल आरती करने के बाद ही मिलता है। कपूर आरती करने से घर का वातावरण शुद्ध होता है और सकारात्मकता बनी रहती है। वैज्ञानिकों के अनुसार कपूर जलाने से घर में बैक्टीरिया-वायरस आदि खत्म होते हैं, जिससे घर के लोगों का स्वास्थ्य भी ठीक रहता है।
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