Tulsi Vivah 2025: तुलसी विवाह से पहले क्यों हटी दी जाती है कलियां? जानें जरूरी बात

Published : Oct 29, 2025, 04:33 PM IST
Tulsi Vivah 2025

सार

तुलसी विवाह का पावन पर्व 2 नवंबर 2025 को आ रहा है, जब देवी तुलसी और भगवान विष्णु का दिव्य मिलन होगा। लेकिन क्या आप जानते हैं कि तुलसी के पौधे पर कलियां होना अपशकुन माना जाता है? पूजा से पहले इन्हें हटाना क्यों ज़रूरी है? यही शुभता का रहस्य है।

इस वर्ष, तुलसी विवाह कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी, यानी 2 नवंबर को पड़ रहा है। द्वादशी तिथि 2 नवंबर को सुबह 7:31 बजे शुरू होगी और 3 नवंबर को सुबह 5:07 बजे समाप्त होगी। द्रिक पंचांग के अनुसार, तुलसी विवाह, तुलसी के पौधे, यानी देवी तुलसी का भगवान विष्णु या उनके अवतार, भगवान कृष्ण के साथ विवाह की रस्म है। तुलसी को देवी वृंदा का और शालिग्राम को भगवान विष्णु का ही एक रूप माना जाता है।

लोग अक्सर पूछते हैं कि तुलसी विवाह से पहले किस तरह की तैयारियां करनी चाहिए। दरअसल, इस दौरान एक ज़रूरी बात का ध्यान रखना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि अगर तुलसी के पौधे में कलियां हों, तो उन्हें तुरंत हटा देना चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि तुलसी के पौधे में जितनी कम कलियां होंगी, देवी तुलसी को उतना ही अधिक लाभ होगा। तुलसी पर कलियों का दिखना इस बात का संकेत है कि उन्हें कष्ट होने लगा है। जितनी ज़्यादा कलियां होंगी, उतना ही ज़्यादा दर्द होगा। अगर कलियां निकाल दी जाएं, तो दर्द कम हो जाएगा।

तुलसी विवाह पूजा विधि

द्रिक पंचांग में बताया गया है कि भक्त को तीन महीने पहले तुलसी के पौधे को सींचना, उसकी पूजा और पोषण करना चाहिए। प्रबोधिनी एकादशी, भीष्म पंचक या ज्योतिष के अनुसार, विवाह के शुभ मुहूर्त में तोरण और मंडप का निर्माण करें। इसके बाद, चार ब्राह्मणों के साथ भगवान गणेश और मातृकाओं की पूजा करें। नंदी श्राद्ध और पुण्याहवाचन (धार्मिक पाठ) करें। मंदिर में मूर्ति के सामने, पूर्व दिशा की ओर मुख करके एक आसन पर श्री लक्ष्मी नारायण की स्वर्ण मूर्ति, तीन महीने पहले से पोषित एक तुलसी का पौधा और दो स्वर्ण और रजत तुलसी के पौधे रखें। भगवान श्री लक्ष्मी नारायण और देवी तुलसी को विराजमान करने के बाद, अपनी पत्नी के साथ उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठें।

तुलसी विवाह अनुष्ठान के अनुसार, संध्या के समय वर, भगवान विष्णु की पूजा करें। विवाह में देवी तुलसी का दान करें। फिर कुशकंडी हवन करें और अग्नि की परिक्रमा करें। वस्त्र और आभूषण दान करें। अपनी श्रद्धा के अनुसार ब्राह्मणों को भोज कराएं। उन्हें विदा करने के बाद स्वयं भोजन करें। इस प्रकार, व्रत की प्रस्तावना में वर्णित तुलसी विवाह का सरल अनुष्ठान पूर्ण हो जाएगा।

तुलसी विवाह 2025 कब है?

इस वर्ष, तुलसी विवाह रविवार, 2 नवंबर 2025 को मनाया जाएगा। द्वादशी तिथि सुबह 7:31 बजे शुरू होगी और 3 नवंबर को सुबह 5:07 बजे तक रहेगी।

तुलसी विवाह क्यों मनाया जाता है?

यह देवी तुलसी (वृंदा) और भगवान विष्णु (शालिग्राम) के विवाह का प्रतीक है। यह देवउठनी एकादशी के अगले दिन मनाया जाता है और शुभ कार्यों की शुरुआत का प्रतीक है।

ये भी पढ़ें- Tulsi Vivah 2025: विवाह में आ रही देरी या बाधा को दूर करने के लिए करें ये पवित्र उपाय

तुलसी विवाह के दिन क्या करना चाहिए?

तुलसी माता और भगवान शालिग्राम की पूजा करें, मंडप सजाएं, दीप जलाएं और विवाह की रस्में निभाएं। पूजा के बाद किसी ब्राह्मण या कन्या को दान देना अत्यंत शुभ माना जाता है।

क्या तुलसी विवाह के दिन विशेष उपाय करने चाहिए?

जिन लोगों के विवाह में बाधा आ रही है, उन्हें हल्दी मिले पानी से स्नान करना चाहिए और तुलसी माता को हल्दी और दूध चढ़ाना चाहिए। इससे बृहस्पति ग्रह मजबूत होता है और विवाह की संभावनाएं प्रबल होती हैं।

ये भी पढ़ें- Griha Pravesh Muhurat 2025: नवंबर-दिसंबर में गृह प्रवेश के लिए सबसे शुभ है ये 11 दिन और समय 

तुलसी के पौधे पर कलियां क्यों नहीं होनी चाहिए?

तुलसी के पौधे पर कलियां कष्ट का प्रतीक मानी जाती हैं। पूजा से पहले कलियां हटाना शुभ होता है, जिससे तुलसी माता को शांति मिलती है और पूजा का फल कई गुना बढ़ जाता है।

Disclaimer: इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों से ली गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

PREV
Read more Articles on

Recommended Stories

Amavasya Date 2026: जनवरी से दिसंबर तक अमावस्या कब? नोट करें डेट्स
Hindu Panchang: शुरू हुआ हिंदू पंचांग का दसवां महीना, जानें क्या है नाम, कब तक रहेगा?