चांदी की पालकी में बैठकर बाबा महाकाल ने जाना प्रजा का हाल, धूमधाम से निकली पहली सवारी

Published : Jul 14, 2025, 03:54 PM ISTUpdated : Jul 15, 2025, 08:07 AM IST
mahakal sawari 2025 dates

सार

Mahakal Sawari Live Telecast: 14 जुलाई को सावन के पहले सोमवार पर उज्जैन में भगवान महाकाल की पहली सवारी बहुत ही धूम-धाम और शाही ठाठ-बाट से निकाली। भगवान महाकाल के मनमहेश रूप का लाखों लोगों ने दर्शन किया।

Ujjain Mahakal First Sawari Live:  सावन के पहले सोमवार को उज्जैन स्थित भगवान महाकाल की सवारी बड़ी ही धूम-धाम से निकली। सवारी को लेकर पुलिस-प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद दिखाई दिया। भगवान महाकाल चांदी की पालकी में बैठकर नगर भ्रमण किया और अपने भक्तों का हाल जाना। महाकाल सवारी परंपरा के अनुसार शाम 4 बजे शुरू हुई और तय मार्गों से होते हुए शाम को लगभग 8 बजे पुन: मंदिर में प्रवेश कर गई। पहली सवारी पर भगवान महाकाल मनमहेश स्वरूप में भक्तों को दर्शन दिया।  

सुबह ढाई बजे खुले महाकाल के कपाट

महाकाल मंदिर में रोज सुबह 4 बजे कपाट खोले जाते हैं लेकिन सावन के पहले सोमवार पर आने वाले भक्तों की संख्या को देखते हुए आज तड़के 2:30 बजे ही मंदिर के कपाट खोल दिए गए। अलसुबह से ही भक्तों का तांता मंदिर में लगा हुआ था। मंदिर के कपाट रात 10 बजे शयन आरती तक खुले रहें। एक अनुमान के मुताबिक सावन के पहले सोमवार को दोपहर 2 बजे तक 1 लाख भक्त दर्शन कर चुके थे।

ड्रोन कैमरों से रखी जा रही नजर

उज्जैन एसपी प्रदीप शर्मा के अनुसार, महाकाल सवारी में सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पुलिस ने 3 ड्रोन लगाए थे, जो सवारी मार्ग के लाइव फुटेज पुलिस कंट्रोल रूम को पहुंचा रहे थे। सवारी में किसी भी तरह की अव्यवस्था न हो इसके लिए शहर भर में चेकिंग अभियान चलाया गया। संवेदनशील इलाकों पर भी पुलिस नजर रख रही है।

क्यों निकालते हैं महाकाल की सवारी?

उज्जैन में स्थित महाकालेश्वर 12 ज्योतिर्लिंगों में तीसरा है। नगरवासी महाकाल को अपना राजा मानते हैं। ऐसा कहा जाता है कि साल में सावन मास के दौरान महाकाल राजा अपने भक्तों का हाल देखने नगर भ्रमण पर निकलते हैं। अपने राजा की एक झलक पाने के लिए नगरवासी भी बहुत उत्साहित होते हैं। भगवान महाकाल की सवारी निकालने की परंपरा सिंधिया राजवंश द्वारा प्रारंभ की गई थी।

महाकाल सवारी 2025 डेट्स

दूसरी सवारी 21 जुलाई  
तीसरी सवारी- 28 जुलाई  
चौथी सवारी- 4 अगस्त  
पांचवी सवारी- 11 अगस्त  
छठी सवारी- 18 अगस्त

 

 

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