Unique Temple: इस मंदिर में भगवान नहीं घोड़े की होती है पूजा, द्वापर युग से खास कनेक्शन

Published : Jul 25, 2025, 11:37 AM ISTUpdated : Jul 25, 2025, 12:01 PM IST
ghoda-baba-mandir-saraikela-jharkhand

सार

Unique temple: हमारे देश में कई अनोखे मंदिर हैं, जहां भगवान की जगह पशुओं की प्रतिमाओं की पूजा की जाती है। ऐसा ही एक मंदिर झारखंड के सरायकेला में है, जहां घोड़े की मूर्ति की पूजा की जाती है।

Unique Temples Of India: भारत को मंदिरों का देश कहा जाता है। यहां हर थोड़ी दूरी पर आपको एक अनोखा मंदिर देखने को मिल जाएगा। ऐसा ही एक मंदिर झारखंड के सरायकेला जिले के गम्हरिया क्षेत्र में भी है। यहां किसी भगवान की नहीं बल्कि घोड़े की प्रतिमा की पूजा की जाती है, इसे घोड़ा बाबा मंदिर के नाम से जाना जाता है। दूर-दूर से भक्त यहां घोड़ा बाबा के दर्शन करने आते हैं। आगे जानिए घोड़ा बाबा मंदिर से जुड़ी रोचक बातें…

मनोकामना पूरी होने पर चढ़ाते हैं मिट्टी के घोड़े

ऐसा कहा जाता है कि जो भी भक्त घोड़ा बाबा मंदिर में सच्चे दिल से मन्नत मांगता है, उसकी इच्छा जरूर पूरी होती है। जिन भक्तों की मन्नत पूरी हो जाती है, वे यहां आकर मिट्टी से बने हाथी-घोड़े की मूर्ति चढ़ाते हैं। हाथी-घोड़े की ये मूर्तियां मंदिर के बाहर ही बड़ी संख्या में बेची जाती हैं। भक्त इन्हें बड़ी ही श्रद्धा से चढ़ाते हैं। ये परंपरा यहां की संस्कृति में रच-बस गई है।

ये भी पढ़ें-

Nag Panchami 2025: कैसे शुरू हुआ नागों का वंश, कौन हैं इनका माता-पिता? जानें रोचक कथा

 

मकर संक्रांति पर लगता है मेला

हर साल मकर संक्रांति के मौके पर यानी जनवरी में घोड़ा बाबा मंदिर में विशाल मेला लगता है। इस दौरान दूर-दूर से भक्त यहां दर्शन करने आते हैं। खास बात ये है कि जो भी प्रसाद भक्त यहां घोड़ा बाबा को चढ़ाते हैं, उसे वे घर नहीं ले जा सकते। उस प्रसाद को इसी स्थान पर खाकर खत्म करना होता है। इस परंपरा के पीछे का कारण कोई नहीं जानता, लेकिन इसे मानते सभी हैं।

महिलाओं के प्रवेश पर रोक

घोड़ा बाबा मंदिर से जुड़ी एक और परंपरा ये भी है कि यहां महिलाओं के प्रवेश पर रोक है। सिर्फ 18 साल से कम उम्र की लड़कियां ही इस मंदिर में प्रवेश कर सकती हैं। इस मंदिर का संचालन मुख्य रूप से कुंभकार जाति के लोग करते हैं। इस जाति की महिलाएं आज भी मंदिर में प्रवेश नहीं करती। ये परंपरा कैसे शुरू हुई, ये कोई नहीं जानता।

भगवान श्रीकृष्ण-बलराम से जुड़ी है कथा

इस मंदिर से जुड़ी रोचक कथा है, उसके अनुसार एक बार भगवान श्रीकृष्ण और बलराम अपने घोड़ों पर सवार होकर यहां आए थे। उस समय यहां खेती नहीं होती थी। यहां की मिट्टी की उर्वरता को देखकर बलराम ने स्वयं खेती की शुरूआत की और यहां के लोगों को भी इसके लिए प्रोत्साहित किया। कुछ समय बाद बलराम और श्रीकृष्ण यहां से चले गए लेकिन वे अपने घोड़े यहीं छोड़ गए। स्थानीय लोगों ने उन घोड़ों की पूजा करना शुरू कर दी। बाद में लोगों ने यहां घोड़ा बाबा का मंदिर बना दिया।


Disclaimer
इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों से ली गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

 

PREV
Read more Articles on

Recommended Stories

Aaj Ka Panchang 7 दिसंबर 2025: 2 ग्रह बदलेंगे राशि, बनेंगे 4 शुभ योग, जानें राहुकाल का समय
Unique Temple: इस त्रिशूल में छिपे हैं अनेक रहस्य, इसके आगे वैज्ञानिक भी फेल, जानें कहां है ये?