Ravan Unique Temple: रहस्यमयी है रावण की ये लेटी हुई प्रतिमा, गांव वाले करते हैं पूजा, वाहनों पर लिखवाते हैं लंकेश

Published : Sep 29, 2025, 02:37 PM IST
Ravan Unique Temple

सार

Ravan Unique Temple: हमारे देश में अनेक स्थानों पर रावण की भी पूजा की जाती है। मध्य प्रदेश में भी रावण का एक प्राचीन और रहस्यमयी मंदिर है। यहां रावण को बाबा कहकर बुलाते हैं और हर शुभ काम से पहले निमंत्रण भी दिया जाता है।

Unique temple of Ravana, Vidisha, Madhya Pradesh: इस बार दशहरा पर्व 2 अक्टूबर, गुरुवार को मनाया जाएगा। इस दिन जहां पूरे देश में रावण के पुतलों का दहन किया जाता है, वहीं मध्य प्रदेश के विदिशा जिले के नटेरन तहसील में स्थित एक गांव के मंदिर में रावण की पूजा की जाती है। खास बात ये है कि लोगों ने इस गांव नाम ही रावण रख दिया है। यहां रावण का एक प्राचीन मंदिर हैं। यहां के लोग रावण को बाबा कहकर बुलाते हैं। गांव की महिलाएं जब इस मंदिर के सामने से गुजरती हैं तो घूंघट कर लेती हैं।

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प्राचीन और रहस्यमयी है रावण की ये प्रतिमा

रावण गांव में स्थित मंदिर में रावण की जो प्रतिमा है वह लेटी हुई अवस्था में है। देश में और कहीं रावण की ऐसी प्रतिमा देखने को नहीं मिलती। ये प्रतिमा यहां किसने स्थापित की, इसके बारे में कोई नहीं जानता, इसलिए लोग इसे रहस्यमयी मानते हैं। यहां के लोग रोज सुबह रावण की पूजा करते हैं और विवाह आदि शुभ मौकों पर पहला निमंत्रण भी यहां दिया जाता है। यहां के लोग रावण का इतना सम्मान करते हैं कि उसे बाबा कहकर बुलाते हैं।

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यहां नहीं होता रावण दहन

दशहरे के मौके पर जब पूरे देश में बुराई के प्रतीक के रूप में रावण के पुतलों का दहन किया जाता है, तब यहां के लोग रावण बाबा का पूजा करते हैं और सुख-समृद्धि के लिए प्रार्थना करते हैं। रावण बाबा की कृपा बनी रहे इसके लिए लोग अपने वाहनों पर लंकेश और रावण विशेष रूप से लिखवाते हैं। मंदिर में खास मौकों पर विशेष आयोजन भी किए जाते हैं। मंदिर में रावण की आरती भी लिखी हुई है।

क्या है इस मंदिर से जुड़ी मान्यता?

प्रचलित कथा के अनुसार, त्रेतायुग में इस स्थान पर एक राक्षस रहता था। वह रावण से युद्ध करने की इच्छा रखता था लेकिन जब भी वह लंका जाता और वहां जाकर उसका मन शांत हो जाता। ये बात जब रावण को पता चली तो उसने उस उस राक्षस से इसके बारे में पूछा। राक्षस ने कहा ‘मैं हर बार आपसे युद्ध की इच्छा लेकर यहां आता हूं लेकिन आपको देखकर मेरा क्रोध शांत हो जाता है। तब रावण ने कहा ‘तुम जहां रहते हो, वहां मेरी प्रतिमा बनाकर उसी से युद्ध करो। राक्षस ने ऐसा ही किया। ये वही प्रतिमा है जिसे बाद में लोगों ने मंदिर में स्थापित कर दिया।


Disclaimer
इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों से ली गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

 

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