किस इस्लामिक देश में बना भव्य मंदिर? 14 फरवरी को PM मोदी करेंगे उद्घाटन, फैक्ट्स जान आप भी कहेंगे ‘OMG’

Published : Feb 05, 2024, 11:03 AM ISTUpdated : Feb 13, 2024, 10:02 AM IST
abu dhavi hindu mandir

सार

BAPS Temple in Abu Dhabi: मुस्लिम देश संयुक्त अरब अमीरात की राजधानी अबू धाबी में एक भव्य मंदिर बनकर तैयार हो चुका है। इस मंदिर को बनाने में 700 करोड़ का खर्च आया है। इस मंदिर से जुड़ी कईं ऐसी बातें हैं, जिनके बारे में जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे। 

उज्जैन. राम मंदिर के बाद अब मुस्लिम देश संयुक्त अरब अमीरात में भी एक भव्य मंदिर बनकर तैयार हो चुका है। ये मंदिर अबू धाबी में बीएपीएस (बोचासनवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण) संस्था ने बनाया है। इसलिए इसका नाम बीएपीएएस हिंदू मंदिर है। इस मंदिर का परिसर 27 एकड़ का है, जिसमें से 13 एकड़ में मंदिर बनाया गाय है, शेष भाग पार्किंग आदि के लिए छोड़ा गया है। इस मंदिर का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 14 फरवरी 2024 को करेंगे। 18 फरवरी को यहां आम लोग दर्शन कर सकेंगे।

राम मंदिर से खास कनेक्शन
अबू धाबी में बने इस मंदिर का अयोध्या में बने राम मंदिर से खास कनेक्शन है क्योंकि इस मंदिर का निर्माण भी उसी पत्थर से हुआ है, जिससे राम मंदिर बना है यानी पिंक सैंड स्टोन से। इसके अलावा इस मंदिर में इटैलियन मार्बल का उपयोग भी किया गया है। खास बात ये भी है कि मंदिर बनाने में लोहे-स्टील या अन्य किसी धातु का उपयोग नहीं किया गया है बल्कि इंटरलॉकिंग पद्धति से पत्थरों को जोड़ा गया है।

700 करोड़ का आया खर्च
इस मंदिर को बनाने के लिए संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने जमीन दान में दी है। वहीं मंदिर के निर्माण में 700 करोड़ का खर्च आया है। मंदिर की बनावट में अरब और हिंदू संस्कृति की झलक देखने को मिलती है। ये मंदिर भारत और संयुक्त राष्ट्र अमीरात की दोस्ती का प्रतीक के रूप में देखा जा रहा है

मंदिर के खंबों पर दिखेगी राम कथा
इस मंदिर में 7 शिखर बनाए गए हैं और इसमें 96 स्तंभ हैं। इन खंबों पर रामा कथा का चित्रण किया गया है, जो बहुत ही सुंदर है। इस मंदिर में राम परिवार, कृष्ण परिवार केसाथ ही अयप्पा स्वामी की प्रतिमा भी स्थापित की गई है। मंदिर के बीच में स्वामी नारायण की प्रतिमा भी लगाई गई है। साथ ही यहां डोम ऑफ पीस का प्रतीक भी बनाया गया है।


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Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

 

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