
Vidur Neeti Life Management: महाभारत के अनुसार, महात्मा विदुर यमराज के अवतार थे। उन्होंने हर समय पांडवों का साथ देते हुए कौरवों की गलत नीतियों का विरोध भी किया। युद्ध शुरू होने से पहले विदुर ने धृतराष्ट्र को बहुत समझाया। उनकी ये बातें विदुर नीति के नाम से जानी जाती हैं। महात्मा विदुर ने अपनी एक नीति में 6 ऐसी आदतों के बारे में बताया है, जिनसे मनुष्यों की उम्र कम होती जा रही है। आगे जानिए कौन-सी हैं ये 6 आदतें…
श्लोक-
अतिमानोअतिवादश्च तथात्यागो नराधिप।
क्रोधश्चात्मविधित्सा च मित्रद्रोहश्च तानि षट्।।
एत एवासयस्तीक्ष्णा: कृन्तन्यायूंषि देहिनाम्।
एतानि मानवान् घ्नन्ति न मृत्युर्भद्रमस्तु ते।।
अर्थ- अभिमान, जरुरत से ज्यादा बोलना, क्रोध, त्याग की कमी, मित्र द्रोह और लालच, इन 6 कामों से मनुष्यों की उम्र कम होती है।
जिस व्यक्ति में अत्यधिक अभिमान यानी गर्व की भावना होती है। ऐसे लोग अन्य लोगों को अपने से हीन समझते हैं और इनका तिरस्का यानी अपमान भी करते हैं। ऐसी लोगों को उम्र धीरे-धीरे कम होती जाती है और जल्दी ही इनके मृत्यु के योग भी बन सकते हैं, ऐसा महात्मा विदुर का कहना है।
कुछ लोगों की आदत होती है कि वो बेवजह बोला करते हैं, उनकी ये आदत कुछ लोगों को बुरी भी लगती है। बाद में इस आदत को बुरे परिणाम भी भुगतने पड़ते हैं। ये आदत धीरे-धीरे मृत्यु का कारण भी बन सकती है। इसलिए इस आदत को जितनी जल्दी हो छोड़ देना चाहिए।
क्रोध को मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु माना गया है। गुस्से में व्यक्ति सही-गलत का फैसला नहीं कर पाता। गुस्से की वजह से लिए गए निर्णय भी दुख की वजह बन सकते हैं। इसलिए हर समय गुस्सा करना ठीक नहीं होता। महात्मा विदुर के अनुसार गुस्से के कारण कईं बार जान भी जा सकती है।
महात्मा विदुर के अनुसार समय के साथ लोगों में त्याग भावना की कमी होती जा रही है। लोग छोटी-छोटी संपत्ति और धन को लेकर एक-दूसरे को मारने के लिए तैयार हो जाते हैं। त्याग भावना की कमी के कारण भी लोगों की उम्र कम हो रही है और लोग असमय ही मारे जा रहे हैं।
पुरातन समय में मित्र को भाई के समान ही प्यार और सम्मान दिया जाता था लेकिन अब लोग मित्र अपना हित साधते हैं और बाद में धोखा दे देते हैं। धर्म ग्रंथों में इसे महापाप कहा गया है। इस तरह की आदतें भी मनुष्य की उम्र को धीरे-धीरे कम कर रहे हैं।
लालच मनुष्य का सबसे बड़ा दुश्मन है। लालची व्यक्ति अपना हित साधन के लिए किसी भी हद तक जा सकता है, जिससे कारण वह किसी की हत्या करने से भी नहीं चूकता। यही भावना उसी मृत्यु का कारण भी बन सकती है।
Disclaimer
इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों से ली गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।