Benefits of Rudraksha: रुद्राक्ष भगवान शिव का आभूषण है। बिना रुद्राक्ष के महादेव के स्वरूप की कल्पना भी नहीं की जा सकती। शिवपुराण सहित कईं ग्रंथों में रुद्राक्ष का महत्व बताया गया है। आधुनिक विज्ञान भी रुद्राक्ष को सेहत के लिए फायदेमंद मानता है।
उज्जैन. धर्म ग्रंथों में भगवान शिव के स्वरूप से जुड़ी कई बातें बताई गई हैं, उन्हीं में से एक है रुद्राक्ष। इसके बारे में लगभग सभी लोग जानते हैं। (Benefits of Rudraksha) बहुत से लोग इसकी माला बनाकर पहनते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से महादेव प्रसन्न होते हैं। रुद्राक्ष कई प्रकार के होते हैं, इन सभी का अलग-अलग महत्व होता है। वैज्ञानिक शोधों से पता चला है कि रुद्राक्ष पहनने से कई तरह के रोग दूर होते हैं। आगे जानिए रुद्राक्ष से जुड़ी कुछ खास बातें…
क्या है रुद्राक्ष? (What is Rudraksha?)
रुद्राक्ष का अर्थ है रुद्र का अक्ष यानी भगवान शिव का आंसू। इससे जुड़ी कथा कई धर्म ग्रंथों में मिलती है। ये आकार में गोल होता है। ये भूरे रंग का होता है, जिसकी ऊपरी सतह काफी खुरदुरी होती है। इसमें प्राकृतिक रूप से एक छेद होता है। इस बार 1 से लेकर 14 धारियां तक होती है। इसी के आधार पर इसका महत्व तय होता है। आमतौर पर रुद्राक्ष नेपाल में सबसे ज्यादा पाया जाता है।
सेहत के लिए फायदेमंद
वैज्ञानिक शोधों से पता चला है कि रुद्राक्ष पहनने से कई तरह के रोगों में आराम मिलता है। 108 मनकों वाले रुद्राक्ष की माला को इस तरह पहना जाता है कि वो हार्ट वाली जगह को बार-बार टच करता रहे। इससे हृदय गति बेहतर होती है। इससे और कई कई फायदे होते हैं, जैसे-
1. द पॉवर ऑफ रुद्राक्ष पुस्तक के लेखक कमल नारायण सीठा के अनुसार, रुद्राक्ष पहनने से टौंसिल, थॉयराइड जैसी समस्याओं से भी राहत मिलती है।
2. रुद्राक्ष की माला पहनने से स्ट्रेस या डिप्रेशन नहीं होता। यानी रुद्राक्ष पहनने से मानसिक बीमारियों से भी राहत मिलती है।
3. मेडिटेशन यानी योग करने के लिए भी रुद्राक्ष की कई लड़ियां सिर पर पहनते हैं, इससे भी फायदा मिलता है।
4. आयुर्वेद में भी रुद्राक्ष का महत्व बताया गया है। रुद्राक्ष की माला धारण करने से एकाग्रता और मानसिक सहनशक्ति बढ़ती है।
रुद्राक्ष पहनते समय रखें इन बातों का ध्यान
चूंकि रुद्राक्ष भगवान शिव से जुड़ा है, इसलिए इसे धारण करते समय कई बातों का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए। इससे संबंधित कुछ नियम इस प्रकार हैं…
1. रुद्राक्ष को कभी अशुद्ध हाथों से न छुएं और स्नान करने के बाद शुद्ध होकर ही इसे धारण करें।
2. जो व्यक्ति रुद्राक्ष की माला पहनता है, उसे तामसिक भोजन (मांसाहार) नहीं करना चाहिए और न ही किस तरह का कोई नशा करना चाहिए।
3. खंडित यानी टूटा-फूटा रुद्राक्ष कभी भी धारण न करें। दूसरे का पहना हुआ रूद्राक्ष नहीं पहनना चाहिए।
4. यदि आप रूद्राक्ष की माला बनवा रहे हैं तो हमेशा ध्यान रखें कि विषम संख्या यानी 3, 5 के क्रम में होनी चाहिए।
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Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।