
Basant Panchami 2025 Kab Hai: धर्म ग्रंथों में देवी सरस्वती को ज्ञान, बुद्धि और संगीत की देवी कहा जाता है। हर साल बसंत पंचमी पर देवी सरस्वती की विशेष पूजा की जाती है। बसंत पंचमी का पर्व माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। इस बार ये तिथि 2 दिन हैं, जिसके चलते इस पर्व को लेकर ज्योतिषियों में मतभेद की स्थिति बन रही है। आगे जानिए बसंत पंचमी पर्व को लेकर क्यों बन रही है ये स्थिति…
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उज्जैन के पंचांगों के अनुसार, माघ मास के शुक्ल पक्ष की पचंमी तिथि 2 फरवरी, रविवार की सुबह 09 बजकर 14 मिनिट से शुरू होगी, जो 03 फरवरी, सोमवार की 06 बजकर 53 मिनिट तक रहेगी। इस तरह पंचमी तिथि का सूर्योदय न तो 2 फरवरी को हो रहा है और न 3 को। जिसके चलते पंचमी तिथि का क्षय हो रहा है। इसलिए उज्जैन के पंचांगों में बसंत पंचमी का पर्व 2 फरवरी, रविवार को दर्शाया गया है।
वहीं काशी के पंचांगों की बात की जाए तो वहां पंचमी तिथि के समय में अंतर आ रहा है। उसके अनुसार, माघ शुक्ल पंचमी तिथि 2 फरवरी की सुबह 11 बजकर 53 मिनट से शुरू होगी और 3 फरवरी को सुबह 9 बजकर 39 मिनट तक रहेगी। चूंकि 3 फरवरी को पंचमी तिथि का सूर्योदय होगा, इसलिए वहां के विद्वान बसंत पंचमी 3 फरवरी, सोमवार को मनाने की बात कह रहे हैं। महाकुंभ 2025 में बसंत पंचमी का अमृत स्नान भी 3 फरवरी, रविवार को ही किया जाएगा।
स्थान परिवर्तन के कारण भी कईं बार तिथियों के समय में घट-बढ़ होती रहती है, जिसके चलते व्रत-पर्वों को लेकर संशय की स्थिति बनती रहती है। आप अपने घरों में बसंत पंचमी का पर्व कब मनाएं, इसके लिए अपने किसी परिचित ज्योतिषि या विद्वान की सलाह लें और उसी के अनुसार ये पर्व मनाएं।
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इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो ज्योतिषियों द्वारा बताई गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।