
Dussehra 2026: हर साल तिथियों में घट-बढ़ के कारण कुछ त्योहारों की डेट को लेकर कन्फ्यूजन की स्थिति है। साल 2026 में ये स्थिति दशहरा पर्व को लेकर बनती दिखाई दे रही है। अलग-अलग पंचांगों में दशहरे की डेट में अंतर देखा जा रहा है। कुछ पंचांगों में दशहरा 20 अक्टूबर तो कुछ में 21 अक्टूबर को बताया जा रहा है। इस वजह से लोग अपनी स्थानीय परंपरा के अनुसार दोनों दिन दशहरा पर्व मनाएंगे, ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है। जानें साल 2026 में दशहरा पर्व को लेकर कन्फ्यूजन क्यों बन रहा है?
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धर्म ग्रंथों के अनुसार, हर साल आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को दशहरा पर्व मनाया जाता है। साल 2026 में आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि 20 अक्टूबर, मंगलवार की दोपहर 12 बजकर 50 मिनिट से शुरू होगी जो 21 अक्टूबर, बुधवार की दोपहर 02 बजकर 12 मिनिट तक रहेगी। इस तरह दशमी तिथि 2 दिन होने से दशहरा पर्व को लेकर पंचांगों में मतभेद की स्थिति बन रही है।
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विद्वानों का कहना है कि इस तरह के व्रत-त्योहारों का निर्धारण करने के लिए काशी विश्वविद्यालय बनारस द्वारा साल 1952 में व्रत चंद्रिका नाम की एक पुस्तक प्रकाशित की गई है। उसके अनुसार, जब कोई तिथि 2 दिन हो तो सूर्योदय व्यापिनी तिथि पर पर्व मनाना चाहिए यानी जिस तिथि में सूर्योदय हो, वही तिथि श्रेष्ठ माननी चाहिए। आश्विन मास की दशमी तिथि का सूर्योदय 21 अक्टूबर, बुधवार को होगा, इसलिए यही तिथि विजयादशमी के लिए श्रेष्ठ रहेगी।
शारदीय नवरात्र समाप्त होन के बाद ही दशहरा पर्व मनाया जाता है। इस बार शारदीय नवरात्रि का पर्व 9 नहीं बल्कि 10 दिनों तक मनाया जाएगा। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, साल 2026 में शारदीय नवरात्रि 11 अक्टूबर, रविवार से शुरू होगी, जिसका समापन 20 अक्टूबर, मंगलवार को होगा। नवरात्रि के दिनों का बढ़ना शुभ माना गया है। इससे देश-दुनिया में खुशहाली बनी रहती है।