गर्भवती महिलाओं को देख रास्ता क्यों बदल लेते हैं सांप? ये हैं कुछ बड़ी वजह

भारत में सांपों की संख्या कम नहीं है और सांप के काटने से होने वाली मौतें भी बहुत आम हैं। बारिश के मौसम में तो हम आए दिन ऐसी खबरें सुनते रहते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि गर्भवती महिलाओं को सांप काटने की घटनाएं बहुत कम होती हैं? आखिर क्यों?
 

विषैले सांपों (Venomous snake) के काटने पर बचने की संभावना बहुत कम होती है। कई लोगों को सांप का जहर पूरे शरीर में फैलने से पहले ही दिल का दौरा (Heart Attack) पड़ जाता है। एक सर्वेक्षण के अनुसार, गर्भवती महिलाओं को सांप काटने की घटनाएं बहुत कम होती हैं। वैज्ञानिक इसके पीछे कोई ठोस कारण नहीं बता पाए हैं। लेकिन हिंदू धर्म (Hinduism) में इस बात का स्पष्ट कारण बताया गया है कि आखिर सांप गर्भवती महिलाओं को क्यों नहीं काटते हैं।   

गर्भवती महिलाओं को नहीं काटते सांप :  हिंदू मान्यताओं के अनुसार, गर्भवती महिलाओं को सांप नहीं काटते हैं, यह बात बहुत ही दृढ़ता से मानी जाती है। ऐसा माना जाता है कि जैसे ही सांप किसी गर्भवती महिला के पास आता है, वह अंधा हो जाता है और उसे रास्ता नहीं दिखाई देता। कुछ लोगों का तो यहाँ तक मानना है कि सांप गर्भवती महिला को देखते ही अपना रास्ता बदल लेते हैं. 

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सांप के गर्भवती महिलाओं को न काटने का कारण : ब्रह्मवैवर्त पुराण में इस विषय पर प्रकाश डाला गया है। इसमें बताया गया है कि सांप गर्भवती महिलाओं के पास भी नहीं फटकते। ब्रह्मवैवर्त पुराण (Brahmavaivarta Purana ) की एक कथा के अनुसार, एक गर्भवती महिला शिव मंदिर में तपस्या कर रही थी। तपस्या में लीन होने के कारण उसे पता ही नहीं चला कि उसके पास सांप आ गए हैं। दो सांप, गर्भवती महिला के पास आकर उसे परेशान करने लगे। इससे महिला की प्रार्थना में बाधा आ रही थी। इससे गर्भ में पल रहे शिशु को क्रोध आ गया। सांपों की इस हरकत से क्रोधित होकर शिशु ने पूरे नाग कुल को श्राप दे दिया कि अगर कोई भी सांप किसी गर्भवती महिला के पास जाएगा तो वह अंधा हो जाएगा। तभी से यह मान्यता प्रचलित है कि सांप गर्भवती महिला को देखकर अंधे हो जाते हैं और उन्हें काटते नहीं हैं. कथा के अनुसार, इस गर्भ से जन्मे बालक को आगे चलकर श्री गोगा जी देव, श्री तेजा जी देव और जहरीवर के नाम से जाना गया, ऐसा पुराणों में वर्णन मिलता है. 

गर्भवती महिलाओं को सांप के काटने के मामले में शोध क्या कहता है? : दुनिया भर में हुए शोध बताते हैं कि गर्भवती महिलाओं को सांप काटने की घटनाएं मात्र 5 प्रतिशत ही दर्ज की गई हैं। इसके पीछे शोधकर्ता कुछ कारण बताते हैं। आम तौर पर गर्भधारण के बाद, महिलाएं अपने घर से बाहर कम निकलती हैं। वे अपनी और अपने गर्भ में पल रहे बच्चे की सुरक्षा को लेकर अधिक सतर्क रहती हैं। खेत, बगीचे, जंगल जैसी जगहों पर जहाँ सांपों के पाए जाने की संभावना अधिक होती है, वहाँ गर्भवती महिलाओं का आना-जाना कम होता है, इसलिए उन्हें सांप कम काटते हैं, ऐसा शोधकर्ताओं का कहना है।

गर्भवती महिलाओं को सांप के कम काटने के पीछे कुछ रिपोर्ट्स और भी कारण बताती हैं। उनके अनुसार, गर्भधारण के बाद महिलाओं के शरीर में कई तरह के बदलाव आते हैं। इससे उनके शरीर से कुछ खास तरह के हार्मोन निकलते हैं। सांप इन हार्मोन्स को भांप लेते हैं और इसी कारण गर्भवती महिलाओं के पास न जाकर अपना रास्ता बदल लेते हैं, ऐसा इन रिपोर्ट्स में बताया गया है। हालाँकि, इस विषय पर अभी तक कोई ठोस वैज्ञानिक शोध नहीं हुआ है।

 

भारत में 350 से भी ज़्यादा प्रजाति के सांप पाए जाते हैं। भारत में दस प्रतिशत से भी कम सांप जहरीले होते हैं। अगर किसी को सामान्य सांप काट ले तो उसे अधिकतम आठ घंटे के अंदर बचाया जा सकता है। इसके बाद शरीर कमजोर पड़ने लगता है। सांप काटने की स्थिति में मरीज को जल्द से जल्द अस्पताल पहुँचाना चाहिए।

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