हमारे ग्रंथों में गूढ़ रहस्यों से जुड़ी कई बातें बताई गई हैं, जिनके बारे में आम लोग नहीं जानते, लेकिन ये बातें हमारे जीवन में बहुत ही महत्व रखती हैं। और इन बातों की जानकारी होने पर हम अपने जीवन में आने वाली कई समस्याओं से बड़ी आसानी से बच सकते हैं।
उज्जैन. हमारे ग्रंथों में गूढ़ रहस्यों से जुड़ी कई बातें बताई गई हैं, जिनके बारे में आम लोग नहीं जानते, लेकिन ये बातें हमारे जीवन में बहुत ही महत्व रखती हैं। और इन बातों की जानकारी होने पर हम अपने जीवन में आने वाली कई समस्याओं से बड़ी आसानी से बच सकते हैं। हम आपको पंचतंत्र के हितोपदेश में बताई गई ऐसी ही पांच बातों के बारे में बता रहे हैं जो किसी बच्चे के जन्म से पहले ही तय कर दी जाती हैं। जानिए कौन सी हैं वो खास बातें...
श्लोक
आयु: कर्म च वित्तंच विद्या निधनमेव च।
पंचैतान्यपि सृज्यन्ते गर्भस्थस्यैव देहिन:।।
अर्थ- जब शिशु मां के पेट में होता है, तभी भगवान उसकी आयु, कर्म, धन-संपत्ति, शास्त्रों का ज्ञान और मृत्यु, तय कर देते हैं।
1. आयु
मां के गर्भ में ही शिशु की आयु निर्धारित हो जाती है। यानी वह कितनी उम्र तक जीवित रहेगा।
2. कर्म (काम)
योग्य होने के बाद शिशु क्या-क्या काम करेगा यानी किस क्षेत्र में अपना करियर बनाएगा। बिजनेस करेगा या नौकरी करेगा। ये बात भी मां के गर्भ में ही तय हो जाती है।
3. धन-संपत्ति
मां के पेट में पल रहा शिशु जन्म लेने के बाद कितनी धन-संपत्ति का मालिक बनेगा। उसे धन-संपत्ति का सुख मिलेगा या नहीं। वह स्वयं धन-संपत्ति अर्जित करेगा या उसे
पैसा पैतृक रूप से मिलेगा। ये बात भी परमात्मा पहले ही निर्धारित कर देता है।
4. शास्त्रों का ज्ञान यानी पढ़ाई
गर्भस्थ शिशु पढ़ाई में कितना होशियार होगा। वह किस क्षेत्र में पढ़ाई करेगा और कितनी पढ़ाई करेगा। ये सभी बातें भी भगवान पहले ही तय कर देता है।
5. मृत्यु
जन्म के साथ ही विधाता बच्चे की मृत्यु भी तय कर देते है। ये बात अन्य धर्म ग्रंथों में भी लिखी गई है।