मनुस्मृति में ऐसी अनेक गुप्त बातें भी बताई गई हैं, जिन्हें हम नहीं जानते या समझ नहीं पाते। इस ग्रंथ में लाइफ मैनेजमेंट के अनेक सूत्र भी बताए गए हैं।
उज्जैन. मनुस्मृति के अनुसार हमारे घर में 5 ऐसे स्थान होते हैं, जहां जाने-अनजाने में ही हमसे जीव हत्या हो जाती है। ये 5 स्थान कौन से हैं, इसकी जानकारी इस प्रकार है-
श्लोक
पञ्चसूना गृहस्थस्य चुल्की पेषण्युपुष्कर:।
कण्डनी चोदकुम्भश्च वध्यते वास्तु वाहयन्।।
तासां क्रमेण सर्वासां निष्कृत्यर्थं महर्षिभि:।
पञ्च क्लृप्ता महायज्ञा: प्रत्यहं गृहमेधिनाम्।।
अर्थात- गृहस्थ के लिए पांच चीजों (1. चूल्हा, 2. चक्की, 3. झाड़ू, 4. उखल-मूसल तथा 5. पानी का कलश) का उपयोग सूक्ष्म जीवों की हत्या का कारण बनता है और इनका उपयोग करने वाला पाप का भागीदार बनता है।
1. चू्ल्हा या वह स्थान जहां खाना पकाया जाता है
चूल्हे पर भोजन पकाया जाता है। इसके लिए चूल्हे को लकड़ी, कोयले व कंडे आदि ईंधन के माध्यम से जलाया जाता है। इन लकड़ी, कोयले व कंडों आदि में असंख्या सूक्ष्मी जीव होते हैं, जो चूल्हे की अग्नि में जल जाते हैं। इसके अलावा जितनी दूर तक चूल्हे की ताप जाती है, वहां तक के सूक्ष्मी जीव भी मर जाते हैं। वर्तमान में चूल्हे का स्थान स्टोव व गैस चूल्हे ने ले ली है।
2. चक्की या वह स्थान जहां अनाज पीसा जाता है
पहले के समय में घर-घर में चक्की होती थी, जिसे हाथों से घूमाकर अनाज जैसे- गेहूं, दाल, मसाले आदि पीसे जाते थे। वर्तमान समय में शहरी क्षेत्रों में चक्की का प्रचलन लगभग समाप्त हो गया है, ग्रामीण क्षेत्रों में ही इसका उपयोग होता है। मनु स्मृति के अनुसार चक्की का उपयोग करने से भी अनजाने में ही जीव हत्या हो जाती है।
3. झाड़ू या वह स्थान जहां सफाई की जाती है
मनु स्मृति के अनुसार झाड़ू लगाने से भी अनजाने में ही जीव हत्या हो जाती है। जब हम झाड़ू लगाते हैं तो फर्श पर न जाने कितने सूक्ष्मी जीव रहते हैं, जिन्हें हम देख नहीं पाते और झाड़ू लगाते समय हमसे जीव हत्या हो जाती है।
4. ऊखल-मूसल या वह स्थान जहां धान कूटा जाता है
ऊखल व मूसल का उपयोग लगभग समाप्त हो गया है। सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में ही कहीं-कहीं इसका उपयोग होता है। इसका इस्तेमाल अनाज की सफाई के लिए किया जाता है। जब मूसल से ऊखल में रखे अनाज पर वार किया जाता है तो इससे भी सूक्ष्म जीवों की हत्या होती है।
5. जल कलश या वो स्थान जहां पानी रखा जाता है
जिस स्थान पर पीने का पानी रखा जाता है, वहां पर्याप्त नमी होती है। ऐसे स्थान पर भी सूक्ष्मी जीव पनपते हैं। इस स्थान पर पानी भरते समय या साफ-सफाई करते समय अनजाने में ही हमसे जीव हत्या का पाप हो जाता है।