
PM JAY e-card: आयुष्मान भारत (Ayushman Bharat), जिसे प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PM-JAY) के रूप में 23 सितंबर 2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने झारखंड के रांची में लॉन्च किया था। इस योजना का मकसद है गरीब और कमजोर परिवारों को कैशलेस अस्पताल सुविधाएं प्रदान करना और उन्हें गंभीर बीमारियों से बचाना। यह योजना भारत की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना है। इसमें हर परिवार को 5 लाख रुपये तक का सालाना स्वास्थ्य कवर मिलता है, जो सेकंडरी और टर्शियरी केयर (दूसरे और तीसरे स्तर के अस्पतालीन इलाज) के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। लगभग 50 करोड़ लाभार्थी, जो भारत की सबसे गरीब 40 प्रतिशत आबादी में आते हैं, इस योजना का फायदा उठा सकते हैं। इसमें परिवार के किसी भी सदस्य की उम्र या परिवार का आकार मायने नहीं रखता। यानि 100 साल के वृद्ध हों या 5 साल का बच्चा, सभी का इलाज इस योजना के तहत हो सकता है। योजना की खास बात यह है कि पहले से मौजूद बीमारियों का इलाज भी शुरू के ही दिन से कवर किया जाता है। जानिए इस योजना के लिए कौन-कैसे आवेदन कर सकता है?
ग्रामीण क्षेत्रों में: जिन परिवारों के पास सिर्फ एक कमरा है, कोई वयस्क सदस्य नहीं है, एससी, एसटी परिवार, भूमिहीन मजदूर आदि।
शहरी क्षेत्रों में: जो लोग रैगपिकर, घरेलू कामगार, सड़क विक्रेता, निर्माण श्रमिक, साइकिल रिक्शा चालक, दुकानदार, इलेक्ट्रिशियन, दर्जी आदि काम करते हैं।
यदि किसी के पास दो, तीन या चार पहिया वाहन है, उच्च आय है, सरकारी नौकरी है, बड़े घर या बड़ी जमीन है या बड़े क्रेडिट वाले किसान कार्ड हैं, तो वे इस योजना के अंतर्गत नहीं आते।
PM-JAY योजना से हर परिवार को 5 लाख रुपये तक कैशलेस इलाज मिलता है। इसमें शामिल हैं-
इस योजना के माध्यम से सरकारी के अलावा देश भर के 24 हजार से अधिक रजिस्टर्ड निजी अस्पतालों में कैशलेस इलाज की सुविधा उपलब्ध है।
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आयुष्मान भारत योजना में शामिल होने के लिए आपको या आपके परिवार को नजदीकी अस्पताल या CSC (कम्युनिटी सर्विस सेंटर) जाना होगा। वहां आरोग्य मित्र आपकी पूरी मदद करेंगे। इसे आसान स्टेप्स में समझें:
पहचान करना: सबसे पहले, आरोग्य मित्र आपके नाम, रेशन कार्ड नंबर या मोबाइल नंबर की मदद से यह चेक करेंगे कि आप योजना के लिए योग्य हैं या नहीं।
डेटाबेस में खोज: आपके नाम की जानकारी SECC (Socio-Economic Caste Census), RSBY या राज्य स्वास्थ्य योजना के डेटाबेस में खोजी जाती है।
डॉक्यूमेंट अपलोड करना: अगर आपका नाम डेटाबेस में मिलता है, तो आपको सरकारी पहचान जैसे आधार या पैन कार्ड और परिवार के डॉक्यूमेंट जमा करने होंगे।
परिवार की जानकारी जोड़ना: इसके बाद, आपके परिवार के अन्य सदस्यों की जानकारी भी जोड़ी जाती है, ताकि पूरे परिवार के लिए ई-कार्ड बनाया जा सके।
मंजूरी: सभी जानकारी जमा करने के बाद राज्य स्वास्थ्य एजेंसी या इंश्योरेंस कंपनी आपके आवेदन को चेक करती है और मंजूरी देती है।
ई-कार्ड जारी होना: मंजूरी मिलने के बाद आपको ई-कार्ड जारी किया जाता है। यह कार्ड अस्पताल में दिखाने पर कैशलेस इलाज की सुविधा देता है।
इस तरह गरीब परिवार आसानी से आयुष्मान भारत योजना का लाभ उठा सकते हैं और अस्पताल में इलाज के दौरान किसी भी तरह की आर्थिक चिंता से बच सकता है।
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