Indira Ekadashi 2022: 21 सितंबर को है श्राद्ध पक्ष की इंदिरा एकादशी, इस विधि से करें पूजा-व्रत, जानें मुहूर्त

Indira Ekadashi 2022: धर्म ग्रंथों में एकादशी तिथि का विशेष महत्व बताया गया है। एक साल में 24 एकादशी होती है। इन सभी का नाम और महत्व अलग-अलग है। इस बार 21 सितंबर, बुधवार को इंदिरा एकादशी का व्रत किया जाएगा।
 

Manish Meharele | Published : Sep 15, 2022 9:16 AM IST / Updated: Sep 21 2022, 08:08 AM IST

उज्जैन. आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को इंदिरा एकादशी (Indira Ekadashi 2022) कहते हैं। इस बार ये एकादशी 21 सितंबर, बुधवार को है। पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 20 सितंबर, मंगलवार की रात 09:26 से शुरू होकर 21 सितंबर, बुधवार की रात 11:34 तक रहेगी। एकादशी तिथि का सूर्योदय 21 सितंबर को होने से इसी दिन इंदिरा एकादशी का व्रत किया जाएगा। इस दिन पुष्य नक्षत्र होने से मातंग नाम का शुभ योग पूरे दिन रहेगा। इसके अलावा परिघ और शिव नाम के 2 अन्य शुभ योग भी इस दिन बन रहे हैं। व्रत का पारण 22 सितंबर, गुरुवार को सुबह 06.09 से 08.35 के बीच होगा।

इस विधि से करें इंदिरा एकादशी व्रत (Indira Ekadashi Puja Vidhi)
- धर्म ग्रंथों के अनुसार, एकादशी तिथि से एक दिन पहले यानी दशमी तिथि (20 सितंबर, मंगलवार) को संयम पूर्वक व्यवहार करें। एकादशी तिथि की सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद व्रत-पूजा का संकल्प लें।
- इस व्रत में भगवान शालिग्राम की पूजा करने का विधान है। सबसे पहले एक साफ स्थान पर चौकी लगाकर भगवान शालिग्राम को स्थापित करें। शालिग्राम को को चंदन का तिलक लगाएं। शुद्ध घी का दीपक जलाएं।
- एक-एक करके सभी पूजन सामग्री भगवान शालिग्राम को चढ़ाते रहें। इनमें अबीर, गुलाल, चंदन, मौली, जनेऊ, फूल, माला, सुपारी, नारियल, इत्र, तुलसी के पत्ते आदि शामिल होनी चाहिए।
- इसके बाद अपनी इच्छा अनुसार, भगवान शालिग्राम को भोग लगाएं। संभव को हो तो गाय के दूध से बनी खीर का अवश्य चढ़ाएं। इसके बाद भगवान की आरती करें और प्रसाद सभी भक्तों में बांट दें।
- रात को पूजन स्थान पर बैठकर भजन करते रहें। अगले दिन सुबह ब्राह्मणों को भोजन करवाने के बाद दक्षिणा देकर विदा करें। इसके बाद स्वयं कुछ खाएं। इस तरह इंदिरा एकादशी का व्रत करने से आपकी हर कामना जल्दी पूरी हो सकती है। 



ये भी पढ़ें-

Shraddh Paksha 2022: इन 3 पशु-पक्षी को भोजन दिए बिना अधूरा माना जाता है श्राद्ध, जानें कारण व महत्व

Shraddha Paksha 2022: कब से कब तक रहेगा पितृ पक्ष, मृत्यु तिथि पता न हो तो किस दिन करें श्राद्ध?

Shraddha Paksha 2022: 10 से 25 सितंबर तक रहेगा पितृ पक्ष, कौन-सी तिथि पर किसका श्राद्ध करें?
 

Share this article
click me!