Janmashtami 2022: 400 साल बाद जन्माष्टमी पर 8 दुर्लभ योग, पूजा-खरीदारी के लिए खास रहेगा ये दिन

Published : Aug 18, 2022, 12:45 PM ISTUpdated : Aug 18, 2022, 12:49 PM IST
Janmashtami 2022: 400 साल बाद जन्माष्टमी पर 8 दुर्लभ योग, पूजा-खरीदारी के लिए खास रहेगा ये दिन

सार

Janmashtami 2022: इस बार जन्माष्टमी को लेकर विद्वानों में काफी मतभेद नजर आ रहा है, जिसके चलते कुछ स्थानों पर ये पर्व 18 को तो कुछ स्थानों पर 19 अगस्त को मनाय जाएगा। वैसे उत्तर भारत के सभी प्रमुख कृष्ण मंदिरों में ये उत्सव 19 अगस्त, शुक्रवार को ही मनाया जाएगा।  

उज्जैन. विद्वानों की मानें तो जन्माष्टमी (Janmashtami 2022) का पर्व 19 अगस्त, शुक्रवार को मनाना ही शुभ रहेगा क्योंकि ज्योतिष ग्रंथों के अनुसार, जिस तिथि में सूर्योदय हो उसी दिन वह पर्व मनाया जाना चाहिए। चूंकि भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी का सूर्योदय 19 अगस्त को होगा, इसलिए इसी दिन कृष्ण जन्मोत्सव का पर्व मनाया जाना चाहिए। इस बार 19 अगस्त को जन्माष्टमी के मौके पर 1-2 नहीं बल्कि पूरे 8 शुभ योग बन रहे हैं, जिसके चलते ये पर्व और भी खास हो गया है। ये योग 400 साल बाद बन रहे हैं। 

पूजा और खरीदारी के लिए खास हैं ये शुभ योग 
पुरी के ज्योतिषाचार्य पं. गणेश मिश्र के अनुसार, इस पार 19 अगस्त को महालक्ष्मी, बुधादित्य, ध्रुव और छत्र नाम के शुभ योग तो रहेंगे ही साथ ही कुलदीपक, भारती, हर्ष और सत्कीर्ति नाम के राजयोग भी इस दिन रहेंगे। ऐसा महासंयोग पिछले 400 सालों में नहीं बना। इन शुभ योगों में की गई पूजा, उपाय और खरीदारी का पुण्य फल और भी अधिक बढ़ जाएगा। आगे जानिए इन योगों के बारे में…

बुधादित्य: ये शुभ योग सूर्य और बुध की युति से बनता है। 19 अगस्त को सूर्य और बुध सिंह राशि में रहेंगे। इस योग में किए गए कामों की सफलता की संभावना अधिक होती है। 

महालक्ष्मी योग: 19 अगस्त को चंद्रमा और मंगल एक ही राशि में रहने से ये शुभ योग बनेगा। इस योग में इन्वेस्टमेंट करना शुभ माना जाता है।

छत्र योग: शुक्रवार और कृत्तिका नक्षत्र होने से ये शुभ योग बनेगा। इस योग में नौकरी और बिजनेस से संबंधित काम शुरू करना शुभ माना जाता है।

ध्रुव योग: ये शुभ योग तिथि, वार और नक्षत्र के योग से बनता है। ज्योतिष शास्त्र में इसे बहुत ही शुभ माना गया है। 

भारती योग: ये योग गुरु और मंगल की युति से बन रहा है। ये भी बहुत शुभ योग है।

कुलदीपक योग: ये योग बुध, गुरु और मंगल की युति से बन रहा है। इस योग में की गई पूजा से संतान को शुभ फल मिलते हैं। 

सत्कीर्ति: इस शुभ योग में जॉब और बिजनेस से जुड़े काम करना चाहिए, ऐसा ज्योतिषियों का मत है।

हर्ष योग: ये भी एक राजयोग है। इस योग में किए गए शुभ कामों से हर काम में सफलता मिलती है।


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