Janmashtami 2022: 2 दुर्लभ योग बनने से खास रहेगी जन्माष्टमी, मथुरा और वृंदावन में कब मनेगा ये उत्सव?

Janmashtami 2022: धर्म ग्रंथों के अनुसार, भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाता है। पंचांग भेद के कारण इस बार ये पर्व 18 और 19 अगस्त को मनाया जाएगा। धर्म ग्रंथों के अनुसार, द्वापर युग में इसी तिथि पर भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था। 
 

Manish Meharele | Published : Aug 14, 2022 11:49 AM IST / Updated: Aug 16 2022, 05:43 PM IST

उज्जैन. हिंदू पंचांग का छठा महीना भादौ बहुत ही खास रहता है क्योंकि इस महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी (Janmashtami 2022) का पर्व मनाया जाता है। इस बार पंचांग भेद के कारण ये पर्व 18 व 19 अगस्त को यानी दो दिन मनाया जाएगा। श्रीमद्भागवत के जब द्वापर युग में पाप बढ़ गया तो अधर्म का नाश करने और धर्म की स्थापना के लिए भगवान विष्णु ने श्रीकृष्ण के रूप में अवतार लिया। इस अवतार में भगवान श्रीकृष्ण ने शिशुपाल, कंस सहित कई अधर्मी राजाओं का वध किया। महाभारत के युद्ध के दौरान भी श्रीकृष्ण ने पांडवों के हाथों पापियों का नाश करवाया।

कब से कब तक रहेगी अष्टमी तिथि? (Janmashtami 2022 Date and Time)
पंचांग के अनुसार, भादौ मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 18 अगस्त, गुरुवार की रात 09:21 से शुरू होकर 19 अगस्त, शुक्रवार की रात लगभग 11 बजे तक रहेगी। कुछ ज्योतिषियों का कहना है कि श्रीकृष्ण का जन्म अष्टमी तिथि की रात्रि 12 बजे हुआ था तो ये योग 18 अगस्त, गुरुवार को बन रहा है। जबकि कुछ विद्वानों का मत है कि 19 अगस्त, शुक्रवार को पूरे दिन अष्टमी तिथि रहेगी और इसी तिथि में सूर्योदय भी होगा, इसलिए जन्माष्टमी पर्व 19 अगस्त को मनाना श्रेष्ठ रहेगा।

मथुरा, वृंदावन में इस दिन मनेगी जन्माष्टमी
प्राप्त जानकारी के अनुसार, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व श्री कृष्ण जन्मस्थान, द्वारिकाधीश और बांके बिहारी मंदिर में 19 अगस्त, शुक्रवार को मनाया जाएगा। मथुरा के कृष्ण मंदिरों में भी ये पर्व 19 अगस्त की रात को ही मनाया जाएगा। इस बार एक बात और खास रहेगी वो ये कि 18 और 19 अगस्त यानी दोनों ही दिन रोहिणी नक्षत्र नहीं रहेगा। पंचांग के अनुसार 19 अगस्त को कृत्तिका नक्षत्र रात करीब 01.53 पर रहेगा। इसके बाद रोहिणी नक्षत्र आरंभ होगा।

2 राजयोग भी रहेंगे इस दिन
19 अगस्त, शुक्रवार को चंद्रमा वृष राशि में रहेगा। ज्योतिषियों के अनुसार द्वापरयुग में श्रीकृष्ण के जन्म के समय भी चंद्रमा वृष राशि में ही था। इस दिन मंगल भी वृषभ राशि में रहेगा। चंद्र और मंगल एक ही राशि में होने से महालक्ष्मी योग बनता है। साथ ही इस दिन सूर्य और बुध भी एक ही राशि में रहेंगे जिससे बुधादित्य नाम का एक अन्य शुभ योग भी इस दिन रहेगा। 
 

ये भी पढ़ें-

Karwa Chauth 2022: साल 2022 में कब किया जाएगा करवा चौथ व्रत, जानिए तारीख, पूजा विधि और मुहूर्त


Janmashtami 2022: कब मनाएं जन्माष्टमी पर्व? जानिए सही तारीख, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और आरती

Bahula Chaturthi 2022: किस दिन किया जाएगा बहुला चतुर्थी व्रत? जानिए तारीख और पूजा विधि

Read more Articles on
Share this article
click me!