Shani Pradosh Vrat 2022: कब है शनि प्रदोष? जानें सही तारीख, पूजा विधि, मुहूर्त, योग व उपाय भी

Shani Pradosh Vrat 2022: भगवान शिव को आदि व अनंत कहा जाता है यानी न तो कोई उनकी उत्पत्ति के बारे में जानता है और न ही कोई उनके अंत के बारे में। महीने में कई व्रत शिवजी को प्रसन्न करने के लिए ही किए जाते हैं। प्रदोष व्रत भी इनमें से एक है।
 

Manish Meharele | Published : Nov 1, 2022 11:30 AM IST

उज्जैन. प्रदोष व्रत शिवजी को प्रसन्न करने के लिए प्रत्येक महीने के दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि पर किया जाता है। ये व्रत जिस वार को होता है, उसी के अनुरूप इसका नाम भी होता है। जैसे इस बार प्रदोष व्रत का योग 5 नवंबर, शनिवार को बन रहा है। इसलिए ये शनि प्रदोष कहलाएगा। इस दिन शिवजी के साथ-साथ शनिदेव को प्रसन्न करने के उपाय भी किया जा सकते हैं। आगे जानिए शनि प्रदोष (Shani Pradosh Vrat 2022) पर किसी विधि से करें शनिदेव की पूजा व अन्य खास बातें…

शनि प्रदोष पर बनेंगे ये शुभ योग (Shani Pradosh Shubh Yog)
पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 5 नवंबर, शनिवार की शाम 05:07 से 06 नवंबर, रविवार की शाम 04:28 तक रहेगी। चूंकि प्रदोष व्रत में शिवजी की पूजा शाम को की जाती है, इसलिए ये व्रत 5 नवंबर को ही किया जाएगा। इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 05:33 से रात 08:10 तक रहेगा। इस दिन प्रजापति और हर्षण नाम के 2 शुभ योग भी रहेंगे।

इस विधि से करें व्रत-पूजा (Shani Pradosh Puja Vidhi)
5 नवंबर, शनिवार को शनि प्रदोष व्रत करने से पहले सुबह व्रत-पूजा का संकल्प लें। दिन भर निराहार रहें यानी कुछ खाएं नहीं। ऐसा करना संभव न हो तो फलाहार कर सकते हैं। ऊपर बताए गए शुभ मुहूर्त से पहले पूजा की तैयार कर लें। शुभ मुहूर्त के दौरान पहले शिवजी का अभिषेक शुद्ध जल से करें, फिर पंचामृत से और फिर दोबारा शुद्ध जल चढ़ाएं। इसके बाद शुद्ध घी का दीपक लगाएं। पंचोपचार पूजा के बाद शिवजी को बिल्व पत्र, धतूरा, आंकड़ा, फूल आदि चीजें चढ़ाएं। सत्तू का भोग लगाएं और 8 दीपक अलग-अलग दिशाओं में लगाएं। सबसे अंत में आरती करें।

ये उपाय भी करें… (Shani Pradosh Upay)
1.
शिवजी को चावल चढ़ाएं, शिवपुराण के अनुसार, इससे धन लाभ के योग बनते हैं।
2. शिवजी को तरह-तरह के फूल चढ़ाने से हर मनोकामना पूरी हो सकती है।
3. शिवलिंग का अभिषेक गाय के शुद्ध घी से करने से शारीरिक कमजोरी दूर होती है।
4. प्रदोष व्रत में महामृत्युजंय मंत्र का जाप करने से हर परेशानी से बचा जा सकता है।
5. शिवजी को भांग का भोग लगाने से भी शुभ फलों की प्राप्ति हो सकती है।

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