Shanishchari Amavasya 2023: कब है साल 2023 की पहली शनि अमावस्या, इस दिन कौन-सा दुर्लभ संयोग बनेगा?

Shanishchari Amavasya 2023: वैसे तो अमावस्या तिथि हर महीने आती है, लेकिन जब ये तिथि शनिवार को पड़ती है तो इसे शनिश्चरी अमावस्या कहते हैं। इन दिन शनिदेव की पूजा और उपाय करने का विशेष महत्व रहता है। साल में 2-3 बार ही शनिश्चरी अमावस्या का संयोग बनता है। 
 

Manish Meharele | Published : Jan 19, 2023 3:44 AM IST

उज्जैन. हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक महीने के कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि को अमावस्या कहते हैं। धर्म ग्रंथों में इस तिथि का विशेष महत्व बताया गया है। इस तिथि के स्वामी पितृ देवता हैं। इसलिए इस तिथि पर पितरों के निमित्त दान और उपाय करने का विशेष महत्व है। जब शनिवार को अमावस्या का संयोग बनता है तो इसे शनिश्चरी अमावस्या (Shanishchari Amavasya 2023) कहते हैं। इस संयोग में शनिदेव की पूजा और उपाय विशेष रूप से किया जाता है। साल मे बहुत कम बार ऐसा योग बनता है। इस बार साल के पहले ही महीने यानी जनवरी में शनिश्चरी अमावस्या का शुभ संयोग बन रहा है। आगे जानिए ये संयोग बन रहा है और इस दिन कौन-कौन से योग बनेंगे…


इस दिन रहेगी शनिश्चरी अमावस्या
इन दिनों हिंदू पंचांग का 11वां महीना माघ चल रहा है। इस महीने की अमावस्या 21 जनवरी, शनिवार को है। इस अमावस्या को मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya 2023) कहते हैं। मौनी अमावस्या शनिवार को होने से ये शनिश्चरी अमावस्या भी कहलाएगी। मौनी और शनिश्चरी अमावस्या का संयोग 20 साल पहले 1 फरवरी 2003 को बना था और अब ऐसा संयोग 6 फरवरी 2027 में बनेगा। 

मौनी-शनिश्चरी अमावस्या पर 4 शुभ योग (Shanishchari Amavasya 2023 Shubh Yog)
धर्म ग्रंथों में मौनी अमावस्या को स्नान-दान और पूजा के लिए बहुत ही शुभ माना गया है। पितरों की तिथि होने से इस दिन तर्पण, श्राद्ध आदि भी विशेष रूप से किए जाते हैं। कालसर्प दोष शांति के उपाय करने के लिए भी ये तिथि शुभ है। इस बार मौनी अमावस्या पर 4 राजयोग बन रहे हैं, जिसके चलते इसका महत्व और भी बढ़ गया है। ये 4 राजयोग हैं- हर्ष, वरिष्ठ, सत्कीर्ति और भारती। मौनी अमावस्या शनिवार को होना और उसके साथ ये 4 राजयोग बनना अपने आप में दुर्लभ संयोग है।

1 महीने तक रहता है इस अमावस्या का प्रभाव
ज्योतिषियों के अनुसार, मौनी अमावस्या पर तीर्थ स्नान और दान का महत्व कई ग्रंथों में बताया गया है। इस दिन उपवास रखने से न सिर्फ पितृ बल्कि ब्रह्मा, इंद्र, सूर्य, अग्नि, वायु और ऋषि सहित सभी तृप्त होकर प्रसन्न होते हैं। ऐसा कहा जाता है कि अमावस्या पर ग्रहों की स्थिति का असर अगले एक महीने तक देखने को मिलता है। इस बार मौनी अमावस्या पर शनि अपनी स्वयं की राशि कुंभ में स्थित है, ये बहुत ही शुभ स्थिति है।

किन-किन दोषों के उपाय के लिए खास है ये अमावस्या?
ज्योतिषियों के अनुसार, मौनी अमावस्या पर कई दोषों की शांति के लिए उपाय किए जा सकते हैं। जिन लोगों की कुंडली में कालसर्प दोष है, वे यदि मौनी अमावस्या पर खास उपाय और पूजा करें तो उनके दोष में कमी आ सकती है। इसके अलावा पितृ दोष की शांति के लिए ये तिथि बहुत खास मानी गई है। इस बार मौनी अमावस्या शनिवार को होने से इस दिन शनि से संबंधित दोष दूर करने के उपाय भी किए जा सकते हैं।


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Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें। आर्टिकल पर भरोसा करके अगर आप कुछ उपाय या अन्य कोई कार्य करना चाहते हैं तो इसके लिए आप स्वतः जिम्मेदार होंगे। हम इसके लिए उत्तरदायी नहीं होंगे। 

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