Til Dwadashi 2023: तिल द्वादशी 19 जनवरी को, जानें पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, महत्व और उपाय भी

Til Dwadashi 2023: इस बार 19 जनवरी, गुरुवार को तिल द्वादशी का व्रत किया जाएगा। इस व्रत में तिल का दान और हवन करने की परंपरा है। पुराणों के अनुसार तिल द्वादशी पर भगवान विष्णु की पूजा करने का विधान बताया गया है।
 

उज्जैन. धर्म ग्रंथों के अनुसार, माघ मास के कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि को तिल द्वादशी (Til Dwadashi 2023) कहते हैं। इस बार ये तिथि 19 जनवरी, गुरुवार को है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा विशेष रूप से की जाती है क्योंकि इस तिथि का स्वामी स्वयं विष्णुजी ही हैं। महाभारत के अनुसार, जो मनुष्य तिल द्वादशी पर तपस्वियों को तिल दान करता है, वह कभी नरक का दर्शन नहीं करता। इसलिए इस दिन किए गए व्रत और स्नान-दान का कई गुना पुण्य फल मिलता है। आगे जानिए तिल द्वादशी व्रत की विधि, महत्व व अन्य खास बातें…

द्वादशी और गुरुवार का शुभ संयोग (Til Dwadashi 2023 Shubh Yog)
राजस्थान की श्री कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभागाध्यक्ष डॉ. मृत्युञ्जय तिवारी के अनुसार, इस बार तिल द्वादशी और गुरुवार का शुभ संयोग बन रहा है। गुरुवार को भगवान विष्णु की पूजा शुभ फल देने वाली मानी गई है। इसी तिथि पर तिल द्वादशी का होना बहुत ही शुभ संयोग है। माघ मास की द्वादशी तिथि को जो व्यक्ति उपवास करके भगवान माधव की पूजा करता है उसे राजसूय यज्ञ का समान फल की प्राप्ति होती है।

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इस विधि से करें पूजा (Til Dwadashi 2023 Puja Vidhi)
द्वादशी तिथि यानी 19 जनवरी, गुरुवार की सुबह नित्यकर्म करने के बाद पहले तिल मिले पानी से स्नान करें और इसके बाद व्रत-पूजा का संकल्प करें। इसके बाद ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करते हुए भगवान विष्णु की प्रतिमा या चित्र किसी साफ स्थान पर स्थापित करें। भगवान विष्णु के चित्र के समक्ष शुद्ध घी का दीपक जलाएं और फूलों का हार पहनाएं। विधि-विधान से पूजा के बाद तिल का नैवेद्य लगाकर प्रसाद भक्तों को बांट दें। इस तरह पूजा करने से कई गुना पुण्य फल मिलता है और जाने-अनजाने हुए हर तरह के पाप खत्म हो जाते हैं।

ये काम भी जरूर करें 
-  तिल द्वादशी तिथि पर तिल मिला पानी पीना चाहिए। फिर तिल का उबटन लगाना चाहिए। इससे कई तरह के फायदे हमें प्राप्त होते हैं।
- इस दिन तिल मिश्रित जल से स्नान भी करना चाहिए। साथ ही तिल से हवन भी करें। फिर भगवान विष्णु को तिल से बने पकवान का भोग भी लगाएं। 
- इस तिथि पर तिल दान करने अश्वमेध यज्ञ और स्वर्णदान करने जितना पुण्य मिलता है। इसलिए जरूरतमंदों को तिल का दान जरूर करें। 

 

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Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें। आर्टिकल पर भरोसा करके अगर आप कुछ उपाय या अन्य कोई कार्य करना चाहते हैं तो इसके लिए आप स्वतः जिम्मेदार होंगे। हम इसके लिए उत्तरदायी नहीं होंगे। 

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