कोरोना वायरस के बीच पुलिस और डॉक्टर अपनी जान दांव पर लगाकर लोगों को बचा रहे है, लेकिन चेन्नई में एक ऐसा मामला सामने आया कि मानवता भी शर्मसार हो गई।
मुंबई/चेन्नई। कोरोना वायरस के बीच पुलिस और डॉक्टर अपनी जान दांव पर लगाकर लोगों को बचा रहे है, लेकिन चेन्नई में एक ऐसा मामला सामने आया कि मानवता भी शर्मसार हो गई। दरअसल यहां डॉक्टर के शव को ले जा रही एंबुलेंस पर भीड़ ने हमला कर दिया। इस मामले के बाद से ही मशहूर एक्ट्रेस खुशबू सुंदर बेहद गुस्से में हैं। उन्होंने इस घटना को लेकर एक ट्वीट भी किया है। अपने ट्वीट में खुशबू सुंदर ने कहा कि हमें खुद पर शर्म आनी चाहिए कि हम लोग ऐसे समाज में रहते हैं। बता दें कि 55 साल के डॉक्टर साइमन हरक्यूलिस ने बीते रविवार को उस वक्त दम तोड़ दिया था, जब कोरोना मरीजों का इलाज करते वक्त वो खुद वायरस से संक्रमित हो गए थे।
खुशबू सुंदर ने अपने ट्वीट में नाराजगी जाहिर करते हुए लिखा, "हम खुद को क्या बनाते जा रहे हैं? एक शख्स जिसने दूसरों की जिंदगी बचाने के लिए अपनी जान दांव पर लगा दी, उसे कुछ जाहिल लोगों और गुंडों द्वारा सम्मानपूर्वक अंतिम विदाई भी नहीं दी जा सकी। हमें अपने आप पर शर्म आनी चाहिए कि हम इस तरह की सोसायटी में रहते हैं।" बता दें कि डॉक्टर का शव ले जा रही एंबुलेंस पर भीड़ ने पत्थर, ईंट, बोतल और डंडों से हमला किया था, जिसके बाद ड्राइवर के साथ-साथ दो अन्य स्वास्थ्यकर्मी भी घायल हो गए। इस मामले में चेन्नई पुलिस ने 21 लोगों को गिरफ्तार किया है। साथ ही मद्रास हाइकोर्ट ने तमिलनाडु सरकार को नोटिस भी भेजा है।
कौन हैं खुशबू सुंदर?
तमिल एक्ट्रेस खुशबू सुंदर 200 से ज्यादा फिल्मों में एक्टिंग कर चुकीं हैं। खुशबू ने हिन्दी फिल्मों से डेब्यू किया था। सबसे पहले उन्हें 1980 में आई फिल्म 'द बर्निंग ट्रेन' में देखा गया था। 1980-1985 के बीच चाइल्ड आर्टिस्ट के तौर पर वे नसीब, लावारिस, कालिया, बेमिसाल जैसी हिन्दी फिल्मों में भी नजर आईं। इसके अलावा मेरी जंग, जानू, दीवाना मुझसा नहीं, भी खास हिन्दी फिल्में रहीं। फिल्मी दुनिया के अलावा खुशबू ने नवंबर 2014 में कांग्रेस जॉइन की। हालांकि इसके पहले 2010 में डीएमके के साथ जुड़ी रहीं। लेकिन जून 2014 में उन्होंने करुणानिधि का साथ छोड़ दिया था।