मलयालम एक्टर पी बालाचंद्रन का 69 साल की उम्र में निधन, ममूटी के साथ इस फिल्म में आखिरी बार दिखे थे

मलयालम एक्टर और लेखक पी बालाचंद्रन का सोमवार को 69 साल की उम्र में निधन हो गया। बालाचंद्रन ने केरल स्थित अपने घर पर अंतिम सांस ली। रिपोर्ट्स के मुताबिक, मैनिंजाइटिस (दिमाग संबंधी बीमारी) के चलते बालाचंद्रन का पिछले 8 महीनों से इलाज चल रहा था और वो बिस्तर पर ही थे। सोमवार शाम को ही उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। 

Asianet News Hindi | Published : Apr 5, 2021 9:34 AM IST / Updated: Feb 01 2022, 09:38 PM IST

मुंबई/तिरुवनंतपुरम। मलयालम एक्टर और स्क्रिप्ट राइटर पद्मनाभन बालाचंद्रन का सोमवार को 69 साल की उम्र में निधन हो गया। बालाचंद्रन ने केरल स्थित अपने घर पर अंतिम सांस ली। रिपोर्ट्स के मुताबिक, मैनिंजाइटिस (दिमाग संबंधी बीमारी) के चलते बालाचंद्रन का पिछले 8 महीनों से इलाज चल रहा था और वो बिस्तर पर ही थे। सोमवार शाम को ही उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। बालाचंद्रन अपने पीछे पत्नी श्रीलता और दो बच्चे श्रीकांत और पार्वती को छोड़ गए हैं। बालाचंद्रन के निधन से मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में शोक की लहर है।

पद्मनाभन बालचंद्रन का जन्म 2 फरवरी 1952 को केरल के कोल्लम जिले के सस्तमकोट्टा गांव मे हुआ था। स्कूल ऑफ ड्रामा के स्टूडेंट रहे बालचंद्रन महात्मा गांधी विश्वविद्यालय में स्कूल ऑफ लेटर के टीचर भी थे। वे अपने थिएटर के काम के लिए भी जाने जाते थे। अपने नाटक 'पावम उस्मान' के लिए बालचंद्रन ने 1989 में केरल व्यावसायिक नाटक और केरल साहित्य अकादमी पुरस्कार जीते थे। बालाचंद्रन आखिरी बार सुपरस्टार ममूटी की फिल्म 'वन' में नजर आए थे।

P Balachandran passes away at his residence in Vaikom | Malayalam Movie  News - Times of India

फिल्म गांधी में भी कर चुके थे काम : 

बालाचंद्रन ने अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत रिचर्ड एटनबरो की फिल्म 'गांधी' से की थी। 1982 में रिलीज हुई इस फिल्म में बालाचंद्रन ने एक साइड एक्टर के रूप में काम किया था। इसके बाद उन्होंने 'साइलेंस', 'थैंक यू', 'त्रिवेंद्रम लॉज' जैसी कई फिल्मों भी की थीं। एक्टर के अलावा वो स्क्रिप्ट राइटर भी थे। उन्होंने 'कल्लू कोंडोरू पेनु', 'अंकल बन' और 'पुलिस' समेत कई हिट फिल्मों की स्क्रिप्ट लिखी थीं। 

डायरेक्शन में भी आजमाया हाथ : 
बालाचंद्रन ने 2012 में रिलीज हुई 'इवान मेघारूपन' से अपना डायरेक्टोरियल डेब्यू किया था। उनकी यह फिल्म प्रसिद्ध कवि पी. कुण्हिरमन नायर की जिंदगी पर बेस्ड थी। यह एकमात्र फिल्म थी, जो उनके डायरेक्शन में बनी थी। 

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