
Rohit Sharma retirement: टीम इंडिया को जून-जुलाई में इंग्लैंड दौरे पर जाना है और अंग्रेजों के साथ 5 मैचों की टेस्ट सीरीज खेलनी है। इस विदेशी दौरे को लेकर भारतीय दल अनाउंस करने की बात चल ही रही थी, कि उससे पहले एक बहुत बड़ी खबर सामने आ गई। जी हां, दरअसल रोहित शर्मा ने बीते बुधवार को टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने का फैसला कर लिया है। जिसके बाद फैंस और मैनेजमेंट का दिल टूट गया। हालांकि, यह फैसले के बारे में क्या किसी को पता था? इसका कोई ऑफिशियल अपडेट नहीं है। लेकिन, 68 टेस्ट मैच खेलने वाले कप्तान रोहित अब रेड बॉल फॉर्मेट में नहीं दिखेंगे।
रोहित शर्मा के इस अचानक लिए गए फैसले ने बीसीसीआई और सिलेक्शन कमिटी का सिरदर्द बढ़ा दिया होगा। आने वाले इस साल में कई टेस्ट सीरीज भारत को खेलने हैं। ऐसे में रोहित जैसे बड़े कप्तान को संन्यास लेना भारतीय टीम को मुश्किल में डालने जैसे हो गया है। आपके मन में भी कई सवाल उठ रहे होंगे, कि क्या टीम इंडिया रोहित के बिना इंग्लैंड दौरे पर अंग्रेजों को पस्त कर सकती है? इसी बीच हम आपको बताते हैं, कि हिटमैन के रिटायर होने के बाद भारत को 3 बड़ी चुनौती इंग्लैंड में क्या होने वाली है।
वैसे तो भारतीय टीम में इस समय कई ऐसे युवा बल्लेबाज हैं, जो ओपनिंग के प्रबल दावेदार हैं। लेकिन, रोहित शर्मा का बतौर ओपनर अब टेस्ट क्रिकेट में नहीं खेलना एक समस्या बन सकती है। रोहित को इंग्लैंड की धरती पर खेलने का अच्छा अनुभव है। उन्होंने कई पारियां भी खेली हैं। यशस्वी जायसवाल के साथ कुछ समय से रोहित सलामी जोड़ी के रूप में दिखाई दे रहे थे। ओपनिंग करते हुए हिटमैन ने 12 शतक लगाए हैं। ऐसे में एक नए बल्लेबाज के लिए ओपन करना चुनौतीपूर्ण होगा।
टीम इंडिया को इस समय सबसे ज्यादा किसी चीज की कमी इंग्लैंड में खलेगी, तो वो कप्तान का है। रोहित ने कप्तानी में कई बड़े रिकॉर्ड्स अपने नाम किए हैं। वो टीम को एक लीडर की तरह लीड करना जानते हैं। उनके पास अनुभव की कोई कमी नहीं है। किस खिलाड़ी को कैसे इस्तेमाल करना है, इन सभी चीजों का एक्सपिरियंस उनके पास है। ऐसे में उनका अब नहीं दिखना कई दिक्कतें पैदा कर सकता है। वहीं, नए कप्तान को लेकर भी काफी सिरदर्द होने वाला है।
रोहित शर्मा बल्लेबाज और कप्तान के रूप में अपनी छाप छोड़ चुके हैं। लेकिन, मैदान पर रहकर भी वो बतौर खिलाड़ी एक अलग अंदाज में नजर आते हैं। साथी खिलाड़ियों के साथ उनका व्यवहार, प्लेयरों को उनके सही रास्ते पर आना, गलती होने पर लीडर की तरह डांट लगाना। इन सभी चीजों की कमी अब टीम इंडिया को इंग्लैंड में जरूर महसूस होगी। उनका अनुभव भी काफी मददगार साबित हो सकता था, जो अब विराट के कंधों पर होगा।