इस क्रिकेटर ने की थी पटियाला पैग की शुरुआत, शराब ने बिगाड़ा करियर-52 साल में मौत

Published : Jun 30, 2025, 11:42 AM ISTUpdated : Jun 30, 2025, 11:48 AM IST
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सार

Bhupendra Singh Patiala legacy: पटियाला पैग बनाने वाले क्रिकेटर महाराजा भूपिंदर सिंह की अनोखी कहानी। शराब ने कैसे बनाया और बिगाड़ा उनका जीवन, जानिए यहां।

Patiala peg inventor cricketer: शराब पीने वाले लोगों को पटियाला पैग तो पता ही होगा? जी हां 30, 60 या 90 ML से ऊपर जो शराब का पैग बनता है, उसे पटियाला पैग कहा जाता है। लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि इस पटियाला पैग की शुरुआत किसने की थी? दरअसल, वह कोई और नहीं बल्कि एक क्रिकेटर थे, जिन्होंने पटियाला पैग पीना और दूसरों को पिलाना भी शुरू किया। आइए आज हम आपको बताते हैं इस क्रिकेटर के बारे में जिसने पटियाला पैग सबसे पहले बनाया, लेकिन शराब ने ही उनके करियर को बर्बाद कर दिया और 52 साल की उम्र में ही उनकी मौत हो गई।

इस क्रिकेटर ने की थी पटियाला पैग की शुरुआत (History of Patiala peg)

पटियाला पैग की शुरुआत करने वाले कोई और नहीं बल्कि महाराजा भूपिंदर सिंह थे, जो एक क्रिकेटर भी थे। वह पंजाब के पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के दादा थे। पटियाला पैग बनाने के पीछे उनका एक किस्सा बेहद दिलचस्प है। दरअसल, इंग्लैंड के खिलाफ भारत को फर्स्ट क्लास मैच खेलने था। महाराजा जानते थे कि अंग्रेजों को हराना आसान नहीं है, इसलिए उन्होंने मैच से एक रात पहले इंग्लैंड की टीम को पार्टी के लिए इनवाइट किया। ब्रिटिश टीम 30ML पैग पीने की शौकीन थी, लेकिन महाराज ने उन्हें ₹120ML का पैग यह कहकर पिला दिया कि यह मशहूर पटियाला पैग है। इसे पीने के बाद इंग्लैंड की टीम अगले दिन भी नशे से बाहर नहीं आ पाई और भारत ने यह मैच जीत लिया।

कौन थे महाराजा भूपेंद्र सिंह (Maharaja Bhupendra Singh biography)

महाराज भूपेंद्र सिंह का जन्म 1891 में हुआ, लेकिन शराब पीने की वजह से उनका लिवर खराब हो गया और 52 साल की उम्र में 1938 में उनकी मौत हो गई। अपने क्रिकेट करियर में महाराजा भूपेंद्र सिंह ने 27 फर्स्ट क्लास मैच खेले, जिसमें उनके नाम 643 रन है। अपने क्रिकेट करियर में उन्होंने दो विकेट भी चटकाएं।

10 शादियां और 88 बच्चे (Cricketer with 10 marriage and 88 children)

महाराज भूपेंद्र सिंह अपनी शादियों को लेकर भी खूब चर्चा में थे। 9 साल की उम्र में ही अपने पिता की मौत के बाद उन्हें राजा बना दिया गया। उन्होंने 1900 से लेकर 1938 तक पटियाला के राजा का दायित्व निभाया। उन्होंने 10 शादियां की, जिनसे उनके 88 बच्चे थे। इतना ही नहीं उन्हें दूसरी औरतों से संबंध का भी शौक था। कहा जाता है कि राजा की 350 रखैलें थी।

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